Telangana tunnel accident: मंत्री राव ने कहा- अंदर फंसे हुए 8 लोगों के बचने की संभावना बहुत कम
Telangana tunnel accident: उन तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे
हैदराबाद, 24 फरवरी (भाषा)
Telangana tunnel accident: तेलंगाना के मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने सोमवार को कहा कि दो दिन पहले श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग के निर्माणाधीन खंड के आंशिक रूप से ढहने के बाद उसमें फंस गए आठ लोगों के बचने की संभावना अब ‘‘बहुत कम'' है, हालांकि उन तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि 2023 में उत्तराखंड में ‘सिल्कयारा बेंड-बरकोट' सुरंग में फंसे निर्माण श्रमिकों को बचाने वाले ‘‘रैट माइनर्स'' (हाथ से पर्वतीय क्षेत्रों की खुदाई करने में महारत रखने वाले व्यक्ति) की एक टीम लोगों को निकालने के लिए बचाव दल में शामिल हो गई है।
मंत्री ने कहा कि फंसे हुए लोगों को बचाने में कम से कम तीन से चार दिन लगेंगे, क्योंकि दुर्घटना स्थल कीचड़ और मलबे से भरा हुआ है जिससे बचाव दल के लिए यह एक मुश्किल काम बन गया है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो उनके बचने की संभावना बहुत, बहुत, बहुत, बहुत कम है क्योंकि मैं खुद उस आखिर छोर तक गया था जो (दुर्घटना स्थल से) लगभग 50 मीटर दूर था। जब हमने तस्वीरें लीं तो (सुरंग का) अंत दिखाई दे रहा था और नौ मीटर के व्यास वाली सुरंग में लगभग 30 फुट में से 25 फुट तक कीचड़ जमा हो गया है।''
उन्होंने कहा, ‘‘जब हमने उनके नाम पुकारे, तो कोई जवाब नहीं मिला... इसलिए, (उनके बचने की) कोई संभावना नहीं दिखती है।'' इस सुरंग में पिछले 48 घंटों से फंसे लोगों की पहचान उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार और श्री निवास, जम्मू कश्मीर के सनी सिंह, पंजाब के गुरप्रीत सिंह और झारखंड के संदीप साहू, जेगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू के रूप में हुई है। इन आठ लोगों में से दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर हैं।
कृष्ण राव ने कहा कि कई मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम जारी है। राव के अनुसार, सुरंग खोदने वाली मशीन (टीबीएम) का वजन कुछ सौ टन है, लेकिन सुरंग ढहने के बाद और पानी के तेज बहाव के कारण मशीन लगभग 200 मीटर तक बह गई। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति और पानी निकालने का काम लगातार किया जा रहा है।
हालांकि उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर फंसे हुए लोगों के बचने की संभावना को लेकर निराशा जताते हुए कहा, ‘‘अगर यह मान लें कि वे (फंसे हुए लोग) टीबीएम मशीन के निचले हिस्से में हैं, यह भी मान लें कि वह मशीन ऊपर है, तो हवा (ऑक्सीजन) कहां है? नीचे, ऑक्सीजन कैसे जाएगी?'' सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी के साथ बचाव अभियान की देखरेख करने वाले राव ने कहा, ‘‘सभी प्रकार के प्रयासों, सभी प्रकार के संगठनों (काम करने) के बावजूद, मलबा और अवराधकों को हटाने में, मुझे लगता है कि... लोगों को निकालने में तीन-चार दिन से कम समय नहीं लगेगा।''
राव ने कहा कि मलबे को हटाने के लिए सुरंग में ‘कन्वेयर बेल्ट' को बहाल किया जा रहा है। भारतीय सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य एजेंसियों के अथक प्रयासों के बावजूद तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में एसएलबीसी परियोजना में शनिवार को सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद सुरंग के अंदर 48 घंटे से अधिक समय से फंसे आठ लोगों को निकालने के लिए बचाव अभियान में अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।