हरियाणा में ई-रजिस्ट्री पर तकनीकी ‘ब्रेक’
10 दिन बंद रहेगा आॅनलाइन सिस्टम, साफ्टवेयर में बड़े सुधार की तैयारी
हरियाणा सरकार के पेपरलेस रजिस्ट्री सिस्टम को दस दिन का तकनीकी विराम दिया गया है। पहली नवंबर से शुरू हुआ आॅनलाइन सिस्टम कुछ ही दिनों में तकनीकी खामियों से जूझने लगा, जिसके चलते राज्यभर में रजिस्ट्री प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। इस दौरान न तो आॅनलाइन और न ही आॅफलाइन रजिस्ट्री की जा सकेगी, केवल आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
नये साफ्टवेयर शुरू होते ही जब रजिस्ट्री आॅनलाइन की जाने लगी तो कई जिलों से शिकायतें आने लगीं। सबसे बड़ी परेशानी यह आई कि अपलोड रजिस्ट्री के कागज़ात काले-सफेद या धुंधले दिखाई देते हैं। इससे रजिस्ट्री क्लर्क यह पहचान नहीं कर पाते कि दस्तावेज की मूल प्रति अपलोड की गई है या फोटो प्रति।
राजस्व विभाग के नियमों के अनुसार रजिस्ट्री के लिए मूल दस्तावेज आवश्यक हैं, लेकिन तकनीकी खराबी से प्रक्रिया अधर में रह गई। साफ्टवेयर की दूसरी बड़ी समस्या यह सामने आई है कि अपलोड की गई संपत्ति किस क्षेत्र में है यानी सेक्टर, कालोनी या ग्रामीण इलाका यह जानकारी स्पष्ट नहीं होती। परिणामस्वरूप संबंधित जमीन का कलेक्टर रेट तय करना मुश्किल हो गया। कई तहसीलों से रिपोर्ट आई कि सिस्टम स्थान से जुड़ा डेटा सही ढंग से नहीं पढ़ पा रहा, जिससे मूल्यांकन में गड़बड़ियां आ रही हैं।
एक से अधिक मालिक या खरीदार तो सिस्टम दिखाता है त्रुटि
इसमें फिलहाल एकल नाम प्रविष्टि की सुविधा ही काम कर रही है। यदि किसी भूमि में कई मालिक या खरीदार हैं, तो सिस्टम प्रक्रिया रोक देता है। यानी संयुक्त स्वामित्व वाली जमीनों की रजिस्ट्री संभव नहीं। यह समस्या खासकर गुरुग्राम, सोनीपत और करनाल से सर्वाधिक रिपोर्ट की गई।
समस्या अस्थायी, जल्द मिलेगी राहत : सुमिता मिश्रा
प्रदेश की गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने बताया कि साफ्टवेयर को अपडेट किया जा रहा हैे। उन्होंने कहा, ‘हमने सिस्टम का पुनर्मूल्यांकन शुरू किया है। जिन बिंदुओं पर समस्या आई है, उन्हें तकनीकी टीम दुरुस्त कर रही है। 10 दिन में प्रक्रिया सुचारू रूप से शुरू होगी।’
कर्मचारियों को दोबारा दिया जाएगा प्रशिक्षण
राजस्व विभाग ने माना है कि कई तहसील और उप-तहसील स्तर के कर्मचारी अभी नये सिस्टम में पूरी तरह दक्ष नहीं हैं। इसलिए साफ्टवेयर अपडेट के साथ-साथ सभी कर्मचारियों को पुनः प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान विभागीय तकनीकी टीम तहसील स्तर पर जाकर सिस्टम का परीक्षण करेगी।...
जिलों से भेजे गए वीडियो प्रमाण, विभाग हुआ सक्रिय
गुरुग्राम समेत कई जिलों के तहसीलदारों ने सिस्टम की खामियों को दर्शाते हुए वीडियो रिकॉर्ड किए हैं और उन्हें राजस्व विभाग के वित्तायुक्त कार्यालय तथा तकनीकी दल को भेजा गया है। इन वीडियो के आधार पर यह पता लगाया जा रहा है कि कौन-से चरणों पर साफ्टवेयर डेटा संसाधन में विफल हो रहा है।

