नयी दिल्ली, 25 मार्च (एजेंसी)
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ चर्चा के बाद कहा कि पूर्वी लद्दाख को लेकर भारत और चीन के बीच वर्तमान स्थिति के संबंध में ‘कार्य प्रगति पर है’ हालांकि इसकी गति उम्मीद के मुताबिक नहीं है। गौर हो कि चीनी विदेश मंत्री वांग बृहस्पतिवार शाम काबुल से दिल्ली पहुंचे थे।
वार्ता के बाद विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर दोनों पक्षों की ओर से भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती किए जाने के मद्देनजर भारत और चीन के संबंध ‘सामान्य’ नहीं हैं और सामान्य संबंधों को फिर से बहाल करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांतिपूर्ण माहौल बनाने की आवश्यकता होगी। जयशंकर ने यी के साथ लगभग तीन घंटे तक चर्चा के बाद संवाददाताओं से बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘पीछे हटने की प्रक्रिया का पूर्ण होना आगे की बातचीत के लिये जरूरी है।’ जयशंकर ने कहा, ‘हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की जो अप्रैल 2020 से चीनी कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप प्रभावित हुए हैं।’ विदेश मंत्री ने कहा ‘हमने चीन के विदेश मंत्री को देश की भावना से अवगत करा दिया कि अप्रैल 2020 के पहले की स्थिति बहाल होना सामान्य रिश्ते के लिए जरूरी है।’
डोभाल ने भी उठाया मुद्दा
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकर अजित डोभाल ने भी वांग यी से मुलाकात के दौरान पूर्वी लद्दाख में बाकी बचे सभी विवादित क्षेत्रों से सैनिकों को जल्द से जल्द और पूरी तरह पीछे हटाने पर जोर दिया। गौरतलब है कि पैंगोंग झील के इलाकों में भारत और चीन की सेनाओं के बीच विवाद के बाद, पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून, 2020 को हिंसक संघर्ष से तनाव बढ़ गया। इसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे तथा चीन के कई सैनिक भी मारे गए थे।