मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

सूजे हुए चेहरे, धीमी धड़कन और पीठ दर्द... अंतरिक्ष यात्रा के छिपे हुए प्रभावों पर बोले शुभांशु शुक्ला

प्रधानमंत्री के साथ बातचीत से पहले उन्हें मतली और सिरदर्द की समस्या हो रही थी
Advertisement

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने कहा कि चेहरे पर सूजन, धीमी धड़कन, पीठ में दर्द और भूख न लगना कुछ ऐसी वास्तविकताएं थीं, जिनका सामना उन्होंने अंतरिक्ष यात्रा के दौरान किया, जो इसकी (अंतरिक्ष यात्रा की) आकर्षक छवि से बहुत दूर है।

फिक्की सीएलओ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शुक्ला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर जीवन मानव सहनशक्ति की एक कठिन परीक्षा है, जो लचीलेपन, टीम भावना और दृढ़ता के शक्तिशाली सबक प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि अब आप सोच सकते हैं कि अंतरिक्ष मिशन शुरू से ही रोमांचक होते हैं। सच कहूं तो वे होते भी हैं। एक बार जब आप सूक्ष्म गुरुत्व में पहुंच जाते हैं, तो आपका शरीर सूक्ष्म गुरुत्व वाले वातावरण में होता है। यह विद्रोह करता है क्योंकि इसने पहले कभी ऐसा वातावरण नहीं देखा होता, सबकुछ बदल जाता है। रक्त ऊपर की ओर बढ़ता है, आपका सिर फूल जाता है, आपकी हृदय गति धीमी हो जाती है।

Advertisement

आपकी रीढ़ लंबी हो जाती है और आपको पीठ में दर्द होता है। (आपके शरीर के अंदर) आपका पेट भी तैरता रहता है। उसकी सामग्री भी, इसलिए आपको भूख नहीं लगती। ये सभी परिवर्तन उस क्षण होते हैं जब आप अंतरिक्ष में पहुंचते हैं। उन्होंने एक विशेष रूप से कठिन क्षण को याद किया जब प्रधानमंत्री के साथ बातचीत से पहले उन्हें मतली और सिरदर्द की समस्या हो रही थी। शुक्ला ने कहा कि आप दवा भी नहीं ले सकते क्योंकि मतली की दवाएं आपको नींद में डाल देती हैं। इसलिए आपको बुरा लगता है। फिर भी आपको काम करना पड़ता है।

उन्होंने बताया कि स्थिति को देखते हुए उनकी टीम के एक सदस्य ने चुपचाप अपना कैमरा और माइक्रोफोन सेट कर दिया। शुक्ला ने कहा कि यह टीम भावना है, शब्दों में नहीं, बल्कि काम में। अंतरिक्ष यात्रियों को अनगिनत छोटे-छोटे तरीकों से एक-दूसरे पर निर्भर रहना पड़ता है - जैसे कि ग्लव बॉक्स में लंबे प्रयोगों के दौरान उनके चेहरे के पास पंखा लगाना, या जब वे घंटों तक फंसे रहते हैं तो उन्हें पानी की बोतल देना। ये छोटे-छोटे प्रयास दर्शाते हैं कि टीम भावना कितनी महत्वपूर्ण है।

Advertisement
Tags :
AstronautDainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsHindi NewsInternational Space Stationlatest newsNarendra ModiShubhanshu Shuklaदैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी समाचार

Related News

Show comments