RSS से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने की अमेरिका की आलोचना, कहा- दंडात्मक कदम उठाना दुर्भाग्यपूर्ण
US Tariff: स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने शुक्रवार को अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा कि वह संवेदनशील क्षेत्रों में भारतीय बाजारों तक पहुंच बनाने के लिए भारत पर ‘दबाव डालने वाले हथकंडे' अपना रहा है। संगठन ने साथ ही सरकार से राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए अपने रुख पर अडिग रहने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन एसजेएम ने कहा कि एक ओर व्यापारिक खतरे अंततः घरेलू मुद्रास्फीति को बढ़ाकर अमेरिकी उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाएंगे, तो दूसरी ओर भारत के लिए कोई भी "अल्पकालिक नुकसान" महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने की अनिवार्यता को और मजबूत बनाएगा।
एसजेएम ने भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने तथा रूस से खरीदारी के लिए अतिरिक्त जुर्माना लगाने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह बात कही।
एसजेएम के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने एक बयान में कहा, ‘‘ एसजेएम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान पर गहरी चिंता व्यक्त करता है, जिसमें पहले से घोषित 25 प्रतिशत शुल्क के अलावा रूस के साथ भारत के व्यापार संबंधों को लेकर 'अनिर्दिष्ट जुर्माना' लगाने की धमकी दी गई है।''
उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका को लगता है कि इस तरह की ‘‘दबावकारी रणनीति'' भारत के फैसलों को प्रभावित कर सकती है, तो उसे यह जान लेना चाहिए कि आज का भारत एक दशक पहले वाला भारत नहीं है।
महाजन ने कहा, ‘‘ एसजेएम भारत सरकार से आग्रह करता है कि वह अपना दृढ़ रुख बनाए रखे और इस अवसर का उपयोग रणनीतिक स्वायत्तता को मजबूत बनाने, राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने, वास्तव में बहुध्रुवीय व न्यायसंगत वैश्विक व्यापार व्यवस्था कायम करने और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में निर्णायक कदम उठाने के लिए करे।''