अयोध्या, 17 अप्रैल (एजेंसी)
राम नवमी के अवसर पर बुधवार को अयोध्या में रामलला का ‘सूर्य तिलक’ दर्पण और लेंस से युक्त एक विस्तृत तंत्र के माध्यम से किया गया। इस तंत्र के जरिए सूर्य की किरणें राम की मूर्ति के माथे पर पहुंचीं।
मंदिर के प्रवक्ता प्रकाश गुप्ता ने बताया, ‘सूर्य तिलक लगभग चार-पांच मिनट के लिए किया गया था जब सूर्य की किरणें सीधे राम लला की मूर्ति के माथे पर केंद्रित थीं।’ उस वक्त भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश करने से रोका गया। सीएसआईआर-सीबीआरआई, रुड़की के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. डीपी कानूनगो ने कहा, ‘योजना के अनुसार दोपहर 12 बजे रामलला का सूर्य तिलक किया गया।’ गर्भगृह के बाहर इंतजार कर रहे भक्तों ने ‘सूर्य तिलक’ के दौरान भगवान राम के नारे लगाए, जबकि पुजारी ने अंदर आरती की। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस अवसर पर राम लला की मूर्ति को टिकाऊ कीमती रत्नों से बना मुकुट पहनाया गया। मुकुट एप्पल ग्रीन डायमंड द्वारा बनाया गया था, जो एक ऐसी कंपनी है जो पुन: क्रिस्टलीकृत रत्नों में माहिर है। वैज्ञानिकों के अनुसार हर साल इस दिन आकाश पर सूर्य की स्थिति बदलती है। विस्तृत गणना से पता चलता है कि श्री राम नवमी की तिथि हर 19 साल में दोहरायी जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान ‘सूर्य तिलक’ देखा। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘यह सूर्य तिलक, विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा।’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा, ‘सूर्यकुल भूषण श्री रामलला के ललाट पर सुशोभित भव्य ‘सूर्य तिलक’ आज अखिल राष्ट्र को अपने सनातन गौरव से आलोकित कर रहा है। जय जय श्री राम।’ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 22 जनवरी को उद्घाटन किए गए नए मंदिर में राम मूर्ति की प्रतिष्ठा के बाद यह पहली राम नवमी रही।