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मथुरा कोर्ट की निगरानी में सर्वे के आदेश पर रोक

नयी दिल्ली, 16 जनवरी (एजेंसी) सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि से सटी शाही ईदगाह मस्जिद के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर मंगलवार को रोक लगा दी। जस्टिस संजीव खन्ना...

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नयी दिल्ली, 16 जनवरी (एजेंसी)

सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि से सटी शाही ईदगाह मस्जिद के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर मंगलवार को रोक लगा दी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने 14 दिसंबर 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी जिसमें मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण अदालत की निगरानी में कराने पर सहमति जतायी गयी थी।

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हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद परिसर में ऐसी निशानियां हैं जिससे पता चलता है कि यह एक वक्त में मंदिर था। पीठ ने कहा कि कुछ कानूनी मुद्दे खड़े हुए हैं और उसने सर्वेक्षण के लिए अदालती आयुक्त की नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट के समक्ष पेश किए ‘अस्पष्ट’ आवेदन पर सवाल उठाए। पीठ ने हिंदू पक्षों जैसे कि भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और अन्य की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान से कहा, ‘आप अदालत आयुक्त की नियुक्ति के लिए अस्पष्ट आवेदन नहीं दे सकते। इसका उद्देश्य बहुत स्पष्ट होना चाहिए। आप सब कुछ अदालत पर नहीं छोड़ सकते।’ न्यांयालय ने हिंदू संस्थाओं को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। उसने यह स्पष्ट कर दिया कि विवाद से जुड़े मामलों की हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट शाही ईदगाह के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह की प्रबंधन समिति की याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

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मस्जिद समिति ने अपनी याचिका में कहा कि हाईकोर्ट को मुकदमे में किसी भी अन्य विविध आवेदन पर निर्णय लेने से पहले वादपत्र की अस्वीकृति के लिए उसकी याचिका पर विचार करना चाहिए था। समिति ने इस आधार पर याचिका खारिज करने का अनुरोध किया था कि यह मुकदमा प्रार्थना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 द्वारा वर्जित है जो धार्मिक स्थल के स्वरूप में बदलाव पर रोक लगाता है।

ज्ञानवापी मस्जिद में ‘वज़ूखाना’ की सफाई की अनुमति

नयी दिल्ली (ट्रिन्यू) : सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में पानी की टंकी (वज़ूखाना) की सफाई की अनुमति दे दी। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट की निगरानी में पानी की टंकी की सफाई कराए जाने का आदेश दिया। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अदालत में पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने टंकी की सफाई की अनुमति मांगते हुए कहा था कि इसमें मरी हुई मछलियां पड़ी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद परिसर के वजूखाने को संरक्षित रखने का पहले आदेश दिया था। हिंदू वादियों का दावा है कि इस स्थान पर पहले एक मंदिर था और 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर इसे ध्वस्त कर दिया गया था।

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