सुप्रीम मुहर : हरियाणा के जस्टिस सूर्यकांत 24 को संभालेंगे सीजेआई का कार्यभार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत को भारत का अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया। केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘मैं उन्हें हार्दिक बधाई...
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत को भारत का अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया।
केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘मैं उन्हें हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।’ भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने सोमवार को जस्टिस कांत को अपने उत्तराधिकारी और 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की थी। जस्टिस गवई 23 नवंबर को 65 वर्ष की आयु पर सेवानिवृत्त होने वाले हैं। जस्टिस कांत 9 फरवरी, 2027 तक लगभग 15 महीने तक इस पद पर बने रहेंगे।
जस्टिस कांत अपने साथ दो दशकों का समृद्ध अनुभव लेकर आए हैं, जिसमें अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लोकतंत्र, भ्रष्टाचार, पर्यावरण और लैंगिक समानता पर ऐतिहासिक फैसले शामिल हैं।
हरियाणा के हिसार जिले में 10 फरवरी, 1962 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे जस्टिस कांत ने 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्हें 2011 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में स्नातकोत्तर की डिग्री में ‘प्रथम श्रेणी प्रथम’ प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है।
सबसे युवा महाधिवक्ता का गौरव प्राप्त
जस्टिस कांत को 7 जुलाई, 2000 को 38 वर्ष की आयु में हरियाणा का सबसे युवा महाधिवक्ता नियुक्त होने का गौरव प्राप्त हुआ। उन्हें 9 जनवरी, 2004 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 5 अक्तूबर, 2018 को उन्होंने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पदभार ग्रहण किया। उन्हें 24 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।

