नयी दिल्ली, 3 फरवरी (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के मामले की शीर्ष अदालत के नियुक्त पैनल द्वारा निश्चित समय अवधि में जांच का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर विचार करने से बुधवार को इनकार करते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि कानून अपना काम करेगा। अदालत ने कहा कि वह ‘इस चरण पर हस्तक्षेप’ नहीं करना चाहती। न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, ‘हमें भरोसा है कि सरकार इसकी (हिंसा) जांच कर रही है। हमने प्रेस के समक्ष दिए गए प्रधानमंत्री के इस बयान को पढ़ा है कि कानून अपना काम करेगा। इसका अर्थ यह है कि वे इसकी जांच कर रहे हैं। हम इस चरण पर इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहते।’ पीठ ने जनहित याचिका दायर करने वाले वकील विशाल तिवारी से आवश्यक कदम उठाने के लिए केंद्र सरकार को अभिवेदन देने और याचिका वापस लेने के लिये कहा। न्यायालय ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा से जुड़ी इसी प्रकार की एक अन्य याचिका पर सुनवाई से भी इनकार कर दिया।
थरूर, सरदेसाई शीर्ष अदालत के द्वार
नयी दिल्ली (एजेंसी) : गणतंत्र दिवस पर किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान हुई हिंसा को लेकर कई ‘भ्रामक’ ट्वीट करने के आरोप में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर और वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। पत्रकार मृणाल पांडे, जफर आगा, परेश नाथ और अनंत नाथ ने इन प्राथमिकियों के खिलाफ मंगलवार शाम को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। दिल्ली पुलिस ने 30 जनवरी को थरूर, सरदेसाई, ‘कारवां’ पत्रिका और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।