सुप्रीमकोर्ट ने प्रो. महमूदाबाद के खिलाफ एसआईटी जांच पर उठाये सवाल
सुप्रीमकोर्ट ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सोशल मीडिया पोस्ट करने के आरोप में अशोका यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज मामले में बुधवार को हरियाणा एसआईटी की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘यह गलत दिशा में जा रही है।’ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की अगुवाई वाले हरियाणा के विशेष जांच दल (एसआईटी) से कहा कि वह अली खान महमूदाबाद के खिलाफ उनके विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दर्ज दो प्राथमिकियों तक ही सीमित रहे और यह देखे कि क्या कोई अपराध हुआ है और 4 हफ्तों में अपनी रिपोर्ट पेश करे। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘हम जानना चाहते हैं कि एसआईटी खुद को गलत दिशा में क्यों ले जा रही है। उनसे पोस्ट की विषयवस्तु की पड़ताल करने की अपेक्षा की
जाती है।’ पीठ ने कहा कि वह जांच में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती, लेकिन उसने मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किए जाने पर सवाल उठाया। महमूदाबाद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि अदालत द्वारा एसआईटी को एफआईआर की विषय वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिए जाने के बावजूद, उसने प्रोफेसर से जब्त किए गए उपकरणों को जांच के लिए फोरेंसिक प्रयोगशाला भेज दिया। अदालत ने कहा कि चूंकि महमूदाबाद जांच में सहयोग कर रहे थे, इसलिए उन्हें दोबारा तलब करने की कोई जरूरत नहीं थी।