नयी दिल्ली, 15 जुलाई (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी और आरएसएस कार्यकर्ताओं के कथित आपत्तिजनक कार्टून सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोपी एक कार्टूनिस्ट को मंगलवार को दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया। शीर्ष अदालत ने सोशल मीडिया पर बढ़ती आपत्तिजनक पोस्ट पर भी चिंता व्यक्त की और इस पर अंकुश लगाने के लिए न्यायिक आदेश पारित करने की आवश्यकता पर बल दिया। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने कहा, ‘लोग किसी को भी, कुछ भी कह देते हैं। हमें इस बारे में कुछ करना होगा।’ इस बीच, पीठ ने कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को मध्य प्रदेश में दर्ज प्राथमिकी के मद्देनजर राज्य की दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया। मालवीय की वकील वृंदा ग्रोवर ने आश्वासन दिया कि इस मामले में माफी मांग ली गई है। हालांकि, पीठ ने आगाह किया कि अगर कार्टूनिस्ट सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालते रहे, तो राज्य सरकार कानून के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने ‘एक्स’ पर न्यायपालिका के खिलाफ भी मालवीय के कुछ अन्य पोस्ट का जिक्र किया, जिसके बाद पीठ ने कहा, ‘यदि याचिकाकर्ता सोशल मीडिया पर कोई आपत्तिजनक पोस्ट डालते हैं, तो प्रतिवादी राज्य (मध्य प्रदेश) को कानून के अनुसार आगे बढ़ने की स्वतंत्रता होगी।’ पीठ ने कहा, ‘मुद्दा यह है कि आपने कोई बात किस तरह कही। आपने जो किया, वो स्पष्ट रूप से अपराध है।’