नयी दिल्ली, 6 मार्च (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में देहरादून में 11 साल की एक बच्ची से दुष्कर्म एवं उसकी हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए व्यक्ति को सुनाई गई मौत की सजा के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। उत्तराखंड हाईकोर्ट के जनवरी 2020 के फैसले के खिलाफ दोषी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता की मनोवैज्ञानिक जांच कर इसकी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दोषी को सुनाई गई मौत की सजा बरकरार रखी थी।
न्यायमूर्ति यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘उत्तराखंड को नोटिस जारी किया जाए, जिसका जवाब चार मई 2022 तक देने को कहा जाए।’ दो मार्च को जारी आदेश में पीठ ने कहा, ‘अपील के विचाराधीन रहने तक याचिकाकर्ता को सुनाई गई मौत की सजा के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी। संबंधित कारागार को इस संबंध में तत्काल सूचना भेजी जाए।’ शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले में ‘पूर्ण सहायता’ के लिए जेल प्रशासन द्वारा याचिकाकर्ता के कैद में रहने के दौरान उसके काम की प्रकृति के बारे में 25 अप्रैल तक एक रिपोर्ट सौंपी जाए। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, पीड़िता के पिता की शिकायत पर जुलाई 2018 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें कहा गया था कि शिकायकर्ता की बेटी अन्य बच्चों के साथ खेलते समय लापता हो गई थी। बच्चों ने बताया था कि आरोपी उसे अपनी झोपड़ी की तरफ ले गया है। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि बच्ची का शव आरोपी की झोपड़ी में मिला था।