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सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक मतदाता सूची हेराफेरी की एसआईटी जांच की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक के बेंगलुरु सेंट्रल और अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची में कथित हेराफेरी की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एसआईटी गठित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति...

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक के बेंगलुरु सेंट्रल और अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची में कथित हेराफेरी की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एसआईटी गठित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी याचिका निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें।

पीठ ने कहा, हम इस याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। याचिकाकर्ता निर्वाचन आयोग के पास अपनी याचिका प्रस्तुत कर सकते हैं। याचिकाकर्ता के वकील रोहित पांडे ने बताया कि उन्होंने पहले ही आयोग के समक्ष अभ्यावेदन जमा कर दिया था, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया।

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याचिकाकर्ता ने आयोग से याचिका पर निर्णय लेने की समय सीमा तय करने की भी मांग की थी, जिसे न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया और पांडे से उचित कानूनी उपाय अपनाने को कहा। याचिका में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रेसवार्ता का हवाला दिया गया, जिसमें उन्होंने भाजपा और निर्वाचन आयोग के बीच कथित मिलीभगत से चुनावों में बड़े पैमाने पर आपराधिक धोखाधड़ी और वोट चोरी होने का आरोप लगाया था।

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राहुल ने कर्नाटक के मतदाता सूचियों का विश्लेषण करते हुए इसे लोकतंत्र के लिए ‘एटम बम’ बताया था। याचिका में यह भी अनुरोध किया गया था कि न्यायालय निर्देश दे कि मतदाता सूचियों में किसी भी प्रकार का नया संशोधन या अंतिम रूप देने का काम तब तक न किया जाए जब तक स्वतंत्र ऑडिट पूरा नहीं हो जाता।

इसके अलावा, याचिका में निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची की तैयारी, रखरखाव और प्रकाशन में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए बाध्यकारी दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई थी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 17 अगस्त को राहुल को 7 दिन के भीतर शपथपत्र देने का आदेश दिया था, ताकि उनकी मतदाता सूची में अनियमितताओं के आरोपों की सत्यता साबित हो सके, अन्यथा उनके दावे निराधार माने जाएंगे।

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