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बुलडोजर पर सुप्रीम बुलडोजर

सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्तीकरण को संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ बताया
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नयी दिल्ली, 17 सितंबर (एजेंसी)

सुप्रीम कोर्ट ने समूचे देश में उसकी इजाजत के बिना आपराधिक मामलों में आरोपियों की संपत्ति समेत अन्य संपत्तियों को एक अक्तूबर तक ध्वस्त नहीं करने का निर्देश दिया। उसी दिन अगली सुनवाई है। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को कहा कि ध्वस्तीकरण हमारे संविधान के मूल्यों के विरुद्ध है। गौर हो कि यूपी के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान आदि भाजपा शासित राज्यों में आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई चर्चा में रही।

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जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने स्पष्ट किया कि उसका आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों आदि पर बने अनधिकृत ढांचों पर लागू नहीं होगा। शीर्ष अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिनमें आरोप लगाया गया था कि कई राज्यों में आपराधिक मामलों में आरोपियों की संपत्तियों को ध्वस्त किया जा रहा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि संपत्तियों के ध्वस्त करने का ‘विमर्श’ गढ़ा जा रहा है।

उत्तर प्रदेश की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्य द्वारा पहले दायर हलफनामे का हवाला दिया। मेहता ने बताया कि राज्य ने कहा है कि ध्वस्तीकरण केवल किसी प्रकार के नियमों के उल्लंघन पर हो सकता है। शीर्ष अदालत जमीयत उलेमा-ए-हिंद और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें विभिन्न राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि दंगों और हिंसा के मामलों में आरोपियों की संपत्तियों को भविष्य में नहीं तोड़ा जाए। मुस्लिम संगठन ने पहले शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि राज्य में हिंसा के आरोपियों की संपत्तियों को भविष्य में नहीं तोड़ा जाए।

पिछले आदेश पर टिप्पणी से नाराज

पीठ ने मामले में दो सितंबर के आदेश के बाद के बयानों पर नाराजगी व्यक्त की। पीठ ने कहा, ‘उस आदेश के बाद, ऐसे बयान आए हैं कि बुलडोजर चलता रहेगा... और यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि स्टीयरिंग किसके हाथ में है।’ पीठ ने कहा, ‘श्री मेहता, आप हमें बताएंगे कि इसे कैसे रोका जाए। यदि आवश्यक हुआ तो हम निर्वाचन आयोग से भी कहेंगे।’

विध्वंसक राजनीति भी किनारे लगी : अखिलेश

अखिलेश यादव की फाइल फोटो।

लखनऊ : सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘न्याय के सर्वोच्च आदेश ने बुलडोजर का दुरुपयोग करने वालों की विध्वंसक राजनीति को भी किनारे लगा दिया है।’ उन्होंने कहा कि आज बुलडोज़र के पहिये खुल गये हैं और स्टीयरिंग हत्थे से उखड़ गया है। यादव ने योगी का नाम लिए बिना कहा, ‘अब उनके लिए पहचान का संकट है जिन्होंने बुलडोजर को अपना प्रतीक बना लिया था।’ अखिलेश ने पूछा, ‘अब क्या वो बुलडोजर का भी नाम बदलकर उसका दुरुपयोग करेंगे?’

बेपर्दा हुई इंसानियत को रौंदने वाली नीयत : प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यह भी कहा कि यह देश संविधान से चलता है और संविधान से ही चलेगा। प्रियंका गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘भाजपा सरकारों की अन्यायपूर्ण और अमानवीय ‘बुलडोजर नीति’ को आईना दिखाने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। ऐसी बर्बर कार्रवाइयों के जरिये देश के कानून पर बुलडोजर चलाकर इंसानियत और इंसाफ को रौंदने वाली नीति एवं नीयत पूरे देश के सामने बेपर्दा हो चुकी है।’

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