नयी दिल्ली, 18 सितंबर (ट्रिन्यू/एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के किसानों को आश्वस्त किया कि लोकसभा से पारित कृषि सुधार संबंधी विधेयक उनके लिए रक्षा कवच का काम करेंगे और नये प्रावधान लागू होने से वे अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में मनचाही कीमत पर बेच सकेंगे। पीएम ने विपक्षी पार्टियों, खासकर कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह इन विधेयकों का विरोध कर किसानों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही हैं और बिचौलियों के साथ किसानों की कमाई को बीच में लूटने वालों का साथ दे रही हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे इस भ्रम में न पड़ें और सतर्क रहें। मोदी ने ये बातें शुक्रवार को ऐतिहासिक कोसी रेल महासेतु को राष्ट्र को समर्पित करने और बिहार के रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए 12 रेल परियोजनाओं की शुरुआत करने के बाद संबोधन में कहीं। संसद में कांग्रेस समेत कई दलों के विरोध और अकाली दल कोटे की मंत्री हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे से सियासी पारा चढ़ जाने के बावजूद प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया कि सरकार किसी के दबाव में आने वाली नहीं है।
वीडियो कान्फ्रेंस से आयोजित इस समारोह में मोदी ने कहा कि कल लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयक पारित किए गए हैं। किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं, जो किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं, उनसे बचाने के लिए ये विधेयक लाए जाने आवश्यक थे। ये विधेयक किसानों के लिए रक्षा कवच बनकर आए हैं।’
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को एमएसपी के माध्यम से उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद भी पहले की तरह जारी रहेगी, कोई भी व्यक्ति अपना उत्पाद कहीं भी बेच सकता है।
प्रधानमंत्री किसान विरोधी : कांग्रेस
कांग्रेस ने लोकसभा में पारित कृषि संबंधी विधेयकों को लेकर पीएम मोदी द्वारा विपक्षी दलों पर निशाना साधने के बाद आरोप लगाया कि इस सरकार से किसानों का विश्वास उठ चुका है तथा वह देश के किसान एवं मजदूरों को बरगला रही है। पार्टी ने यह भी कहा कि इस कुरुक्षेत्र में सरकार कौरव है और किसान-मजदूर पांडव हैं तथा कांग्रेस, पांडवों के साथ खड़ी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘किसानों का मोदी सरकार से विश्वास उठ चुका है, क्योंकि शुरू से मोदी जी की कथनी और करनी में फर्क रहा है।’ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि दुर्भाग्य से कहना पड़ रहा है कि प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं। वह किसान विरोधी हैं और खेती पर अतिक्रमण कर रहे हैं।
नहीं सुनी गयी मेरी आवाज : हरसिमरत
नयी दिल्ली (एजेंसी) : किसान विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के एक दिन बाद अकाली दल की सांसद हरसिमरत बादल ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें दुख है कि किसानों के समर्थन में उठाई गई उनकी आवाज को नहीं सुना गया। उन्होंने सरकार से इन विधेयकों को विस्तृत विचार-विमर्श के लिए संसदीय समिति के पास भेजने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘इन तीन विधेयकों पर संसद की बहस में भाग लेने और अपना विरोध दर्ज कराने का कर्तव्य निभाने के लिए वह अपनी मां को अस्पताल के आईसीयू में छोड़कर आईं। इसके बाद उन्होंने प्रस्तावित विधेयकों के विरोध में इस्तीफा दे दिया।’
इस्तीफा स्वीकार : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। नरेंद्र सिंह तोमर को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। तोमर के पास कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय सहित कई विभाग हैं।