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सुखबीर को तख्त पटना साहिब से ‘सजा’, अकाल तख्त ने की खारिज

अमृतसर/ संगरूर, 5 जुलाई (ट्रिन्यू/ निस) सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था श्री अकाल तख्त और बिहार स्थित तख्त श्री पटना साहिब के बीच एक बार फिर टकराव खुलकर सामने आया है। शनिवार को तख्त पटना साहिब के पांच प्यारों ने...
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अमृतसर/ संगरूर, 5 जुलाई (ट्रिन्यू/ निस)

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था श्री अकाल तख्त और बिहार स्थित तख्त श्री पटना साहिब के बीच एक बार फिर टकराव खुलकर सामने आया है। शनिवार को तख्त पटना साहिब के पांच प्यारों ने शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को उनके समक्ष उपस्थित न होने और निर्देशों की अनदेखी करने के लिए धार्मिक सजा सुनाते हुए तनखाहिया घोषित कर दिया। इसके बाद, अकाल तख्त पर हुई पांच सिंह साहिबानों की आपात बैठक में तख्त पटना साहिब के पांच प्यारों द्वारा शनिवार (5 जुलाई) और 21 मई को लिए गये फैसलों को खारिज कर दिया गया। उनके इन फैसलों को अकाल तख्त के आदेशों का घोर उल्लंघन और इसकी सर्वोच्चता को कमजोर करने वाला करार दिया गया। इस मामले में तख्त पटना साहिब के अतिरिक्त हेड ग्रंथी गुरदयाल सिंह और प्रबंधक कमेटी के सदस्य हरपाल सिंह जौहल तथा डॉ. गुरमीत सिंह को तनखाहिया करार दे दिया गया। इसके अलावा, प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जगजीत सिंह सोही और अन्य सदस्यों को 15 दिनों के भीतर अकाल तख्त पर पेश होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया है। अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने यह आदेश जारी किया।

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वर्तमान घटनाक्रम का आधार अकाल तख्त के 21 मई के निर्देश हैं, जिसमें उसने तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार और मुख्य ग्रंथी ज्ञानी बलदेव सिंह तथा अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी गुरदयाल सिंह को पंथक कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोक दिया था। तख्त श्री पटना साहिब ने जवाब में उसी दिन अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज और तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी टेक सिंह को तनखाहिया घोषित कर दिया था और सुखबीर बादल को ‘षड्यंत्रकारी के रूप में शामिल होने’ के आरोप में तलब किया था।

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