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‘मिशन दिव्यास्त्र’ का सफल परीक्षण

नयी दिल्ली (एजेंसी) मल्टीपल इंडिपेंडेंट टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) प्रौद्योगिकी के साथ स्वदेश विकसित, 5,000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली, अग्नि -5 मिसाइल का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया गया। एमआईआरवी प्रौद्योगिकी के तहत किसी मिसाइल में एक ही...
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अग्नि 5 का फाइल चित्र -प्रेट्र
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नयी दिल्ली (एजेंसी)

मल्टीपल इंडिपेंडेंट टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) प्रौद्योगिकी के साथ स्वदेश विकसित, 5,000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली, अग्नि -5 मिसाइल का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया गया। एमआईआरवी प्रौद्योगिकी के तहत किसी मिसाइल में एक ही बार में कई परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता होती है और इन हथियारों से अलग-अलग लक्ष्यों को भेदा जा सकता है। इसकी एक अन्य विशेषता यह है कि इसे सड़क के माध्यम से कहीं भी ले जाया जा सकता है। पहले की अग्नि मिसाइलों में यह सुविधा नहीं थी। ‘मिशन दिव्यास्त्र' के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनींदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है। सूत्रों ने बताया कि परियोजना निदेशक एक महिला हैं और इसमें महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। हथियार प्रणाली स्वदेशी एवियोनिक्स सिस्टम और उच्च सटीकता वाले सेंसर पैकेज से लैस है। यह मिसाइल चीन के उत्तरी हिस्से के साथ-साथ यूरोप के कुछ क्षेत्रों सहित लगभग पूरे एशिया को अपनी मारक सीमा के तहत ला सकती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है।'

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