लिंगानुपात के खराब नतीजों पर सख्ती, सरकार ने वापस ली 5 जिलों के CMO से पीएनडीटी शक्तियां
हरियाणा के 5 जिलों में लिंगानुपात बिगड़ने पर सरकार ने कड़ा नोटिस लिया है। लिंगानुपात पर सुधार के लिए स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव द्वारा गठित स्टेट टॉस्क फोर्स की बैठक ने पांचों जिलों के सीएमओ से पीएनडीटी की शक्तियां वापस लेने का निर्णय लिया है। साथ लगते जिलों के सीएमओ को अब इन जिलों के अधिकार दिए जाएंगे। इन जिलों में अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, पलवल और सिरसा शामिल हैं।
जिलों में पिछले वर्ष की तुलना में लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की है। इतना ही नहीं, इन पांचों जिलों के नोडल अधिकारियों को चार्जशीट करने के आदेश भी स्टेट टॉस्क फोर्स ने दिए हैं। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में यहां हुई टॉस्क फोर्स की बैठक में यह निर्णय लिया गया। पांचों जिलों का काम दूसरे जिलों के सीएमओ को सौंपते हुए सुधीर राजपाल ने उन्हें तुरंत कार्यभार संभालने और लिंगानुपात में सुधार के लिए काम शुरू करने को कहा है।
बैठक में बताया कि इस वर्ष पहली जनवरी से 28 जुलाई तक राज्य का लिंगानुपात सुधरकर 905 हो गया है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 899 था। इस दौरान सुधीर राजपाल ने कहा कि अवैध गर्भपात करने वाले डॉक्टरों की सटीक सूचना देने वालों को एक लाख रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा। सूचना देने वालों का नाम भी गोपनीय रखा जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को दो-टूक कहा कि अवैध गर्भपात में शामिल डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द करें और ऐसे सभी केंद्रों व क्लिनिकों को सील किया जाए।
साथ ही, ऐसे अस्पतालों और केंद्रों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध से हटाने की कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सभी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी और 12 सप्ताह से अधिक के गर्भपात के मामलों में रिवर्स ट्रैकिंग लागू कर रहा है। जहां महिलाओं की पहले से ही एक या अधिक बेटियां हैं। पिछले सप्ताह रिवर्स ट्रैकिंग के संदिग्ध मामलों में 10 और एफआईआर दर्ज की गईं। 15 जिलों में पिछले वर्ष की तुलना में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जो छापेमारी और डेकोय ऑपरेशन जैसे लगातार क्षेत्रीय अभियानों का परिणाम है।