Stray Dogs Dispute : जॉन अब्राहम ने उठाई आवारा कुत्तों के लिए आवाज, CJI को चिट्ठी लिखकर की ये मांग
जॉन अब्राहम ने सीजेआई को पत्र लिखकर आवारा कुत्तों के संबंध में जारी निर्देश की समीक्षा की मांग रखी
Stray Dogs Dispute : अभिनेता जॉन अब्राहम ने मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई को पत्र लिखकर दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देश की समीक्षा करने और उसमें संशोधन का आग्रह किया।
सभी आवारा कुत्तों को ‘‘जल्द से जल्द'' सड़कों से हटाकर स्थायी रूप से आश्रय स्थलों में भेजने का सुप्रीम कोर्ट द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिए जाने के एक दिन बाद अभिनेता ने यह पत्र लिखा है। जॉन अब्राहम को ‘पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स' (पेटा) इंडिया का पहला मानद निदेशक नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि कुत्ते आवारा नहीं हैं, बल्कि समुदाय का हिस्सा हैं।
अब्राहम ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि ये ‘आवारा' नहीं, बल्कि समुदाय का हिस्सा हैं, जिनसे कई लोग विशेष लगाव रखते हैं और प्रेम करते हैं। खासकर दिल्ली के लोग...। यह निर्देश पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम, 2023 और इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत के पिछले फैसलों के खिलाफ है, जिनमें हमेशा ‘‘व्यवस्थित नसबंदी कार्यक्रम" का समर्थन किया गया है।
जयपुर और लखनऊ जैसे शहरों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एबीसी नियम कुत्तों को हटाने की अनुमति नहीं देते, बल्कि उनकी नसबंदी एवं टीकाकरण करने और उनके पूर्ववत स्थान पर वापस छोड़ने का प्रावधान करते हैं। जहां एबीसी कार्यक्रम को ईमानदारी से लागू किया गया, वहां यह कारगर साबित हुआ। दिल्ली भी ऐसा कर सकती है। नसबंदी के दौरान कुत्तों को रेबीज का टीका लगाया जाता है और इसके बाद कुत्ते शांत हो जाते हैं, उनके खूंखार होने और काटने की घटनाएं कम हो जाती हैं।
अभिनेता के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाने से समस्या का समाधान नहीं होगा। आवारा कुत्तों के काटने से, विशेष रूप से बच्चों में होने वाली रेबीज की समस्या के कारण "अत्यंत गंभीर" स्थिति के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर के प्राधिकारों को निर्देश दिया कि वे सभी आवारा कुत्तों को "शीघ्रतापूर्वक" उठाएं और उन्हें आश्रय स्थलों में रखें।