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हरिद्वार मनसा देवी मंदिर क्षेत्र में भगदड़, छह की मौत ; 28 घायल

सीढ़ियों पर थी भारी भीड़, करंट की अफवाह से हादसा
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हरिद्वार में रविवार को मनसा देवी मंदिर में भगदड़ की घटना के बाद जानकारी के लिए जुटे लोग और मौके पर बिखरे जूते-चप्पल ।-प्रेट्र
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उत्तराखंड के हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर क्षेत्र में रविवार सुबह भगदड़ मचने से छह श्रद्धालुओं की मौत हो गयी और 28 अन्य घायल हो गये, जिनमें से पांच की हालत गंभीर होने के चलते उन्हें ऋषिकेश स्थित एम्स रेफर किया गया।

सावन का महीना होने की वजह से मंदिर में भारी भीड़ थी। हादसे के वक्त, संकरे सीढ़ी मार्ग से बड़ी संख्या में श्रद्धालु लगातार मंदिर की ओर जा रहे थे। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोभाल ने बताया कि मंदिर से करीब 100 मीटर नीचे सीढ़ियों के पास अचानक करंट की अफवाह फैल गयी और संभवत: इसी वजह से भगदड़ मची। हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि घटनास्थल पर बिजली के कई तार टूटे मिले हैं, जिससे प्रतीत होता है कि भीड़ की वजह से लोगों ने तार पकड़ कर ऊपर चढ़ने की कोशिश की होगी।

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राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, हादसे का शिकार हुए श्रद्धालु उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, हरियाणा और दिल्ली के निवासी हैं। मृतकों की पहचान उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी आरुष (12), रामपुर निवासी विक्की सैनी (18), बाराबंकी जिले के वकील सिंह, बदायूं जिले की शांति, बिहार के अररिया के निवासी शकल देव (18) और उत्तराखंड के काशीपुर निवासी विपिन सैनी (18) के रूप में हुई है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। धामी ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए और मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की।

प्रशासन की व्यवस्थाओं पर उठे सवाल

शिवालिक पहाड़ियों पर 500 फुट से अधिक ऊंचाई पर स्थित माता मनसा देवी मंदिर के रास्ते पर मची भगदड़ ने प्रशासन की व्यवस्थाओं को लेकर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सावन का महीना और रविवार का दिन होने के कारण श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में आने की संभावना के बावजूद मंदिर मार्ग पर प्रशासन की ओर से सुरक्षा या भीड़ को नियंत्रित करने के कोई इंतजाम नहीं थे। सुबह सात बजे के बाद भीड़ इस कदर बढ़ी कि रास्ते में तिल रखने की भी जगह नहीं बची। लोग एक-दूसरे से सट कर आगे खिसक रहे थे। इसी बीच करंट की अफवाह फैली तो वहां भगदड़ मच गयी और लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए। रास्ता संकरा होने की वजह से लोगों को बचने की कोई जगह नहीं मिली। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इसी रास्ते में लगे बिजली के मीटर के पास शॉर्ट सर्किट हुआ और चिंगारी निकली, जिससे लोगों में भय फैल गया और उन्होंने भागना शुरू कर दिया। वहीं, मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी ने कहा कि मंदिर में सभी इंतजाम दुरुस्त थे और किसी श्रद्धालु को कोई दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मंदिर के रास्ते में कुछ लोग गिर पड़े जिसके बाद भगदड़ मच गयी।

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