हर चुनाव से पहले अनिवार्य होगा वोटर लिस्ट में विशेष रिवीजन : आयोग
बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चल रहे विवाद के बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि हर चुनाव से पहले मतदाता सूची का पुनरीक्षण आवश्यक है और चुनाव के बाद इसकी समीक्षा कानून के अनुरूप नहीं होगी। उन्होंने कहा, 'एसआईआर के सफल समापन के साथ, बिहार में मतदाता सूची का शुद्धिकरण हो गया है। ऐसा शुद्धिकरण 22 वर्षों के अंतराल के बाद हुआ है। अब यह प्रक्रिया पूरे देश में की जाएगी। एसआईआर करवाना निर्वाचन आयोग का विशेषाधिकार है।'
पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कुमार ने कहा कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त होने से पहले राज्य में चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही चुनाव की तिथि की घोषणा की जाएगी। कुमार ने यह भी कहा कि आगामी चुनाव में लागू की जाने वाली 17 नयी पहल न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होंगी।
उन्होंने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत अपात्र मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जबकि योग्य मतदाता नामांकन की समाप्ति से दस दिन पहले तक फॉर्म-6 या फॉर्म-7 भरकर अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। संवाददाता सम्मेलन में निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू, डॉ. विवेक जोशी और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद कुमार सिंह गुंजियाल सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
100 प्रतिशत ‘वेबकास्टिंग’
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आयोग द्वारा इस बार कई नये तकनीकी और पारदर्शिता बढ़ाने वाले उपाय किए जा रहे हैं, जो बिहार से शुरू होकर आगे पूरे देश में लागू किए जाएंगे। इनमें प्रमुख है ‘वन स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म’, जिसके माध्यम से मतदाताओं और उम्मीदवारों को चुनाव संबंधी सभी सूचनाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। बूथ से 100 मीटर की दूरी तक प्रत्याशी अपने एजेंट को तैनात कर सकेंगे, ताकि मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
- बिहार के सभी मतदान केंद्रों पर 100 प्रतिशत ‘वेबकास्टिंग’ की जाएगी, जिससे मतदान की पूरी प्रक्रिया पर वास्तविक समय में निगरानी संभव होगी।
- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें दिखाई देंगी और क्रमांक (सीरियल नंबर) बड़े अक्षरों में होगा, जिससे मतदाताओं को पहचान में आसानी हो।
- मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक बूथ पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या घटाकर 1200 कर दी गई है, ताकि लंबी कतारें न लगें।