नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (एजेंसी)
ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया मंचों ने करीब 100 पोस्ट और यूआरएल को हटा दिया है। सरकार ने इन सोशल मीडिया मंचों से इन सामग्रियों को हटाने को कहा जो महामारी से संबंधित फर्जी खबरों को प्रसारित करने और वर्तमान चिकित्सा संकट से निपटने को लेकर आलोचनात्मक थी।
ट्विटर ने कहा कि उसने भारत सरकार के कानूनी आग्रह पर कुछ एकाउंट धारकों को अपनी कार्रवाई के संबंध में अधिसूचित किया है। फेसबुक ने हालांकि इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की। सूत्रों ने बताया कि कंपनियों ने आदेश का पालन किया है, हालांकि यह तत्काल पता नहीं चला है कि हटाये गए पोस्ट क्या थे। बहरहाल, सरकारी सूत्रों ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय की सिफारिश पर सोशल मीडिया मंचों से ऐसे पोस्ट और यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) को हटाने को कहा था जो महामारी के खिलाफ लड़ाई को बाधित करते हैं और ऐसे तथाकथित पोस्ट लोक व्यवस्था में व्यवधान डालते हैं।
उन्होंने बताया कि यह आदेश सोशल मीडिया मंचों का दुरुपयोग करते हुए उस पर महामारी को लेकर कुछ उपयोगकर्ताओं द्वारा फर्जी और गुमराह करने वाली सूचनाएं जारी करने के मद्देनजर दिया गया है जिनमें पुराने और संदर्भ से अलग चित्र, साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील पोस्ट तथा कोविड-19 प्रोटोकाल के बारे में गलत जानकारी थी। सूत्रों ने कहा कि सरकार का रुख कोविड-19 के खिलाफ सामूहिक लड़ाई को लेकर सुझावों एवं आलोचनाओं को लेकर खुला है, हालांकि सोशल मीडिया मंचों का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी है ।
राहुल का टवीट- ‘सिस्टम’ फ़ेल है…!
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ‘फर्जी छवि’ को बचाने के लिए कोरोना महामारी से जुड़े सच को छिपाया रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘सिस्टम’ फ़ेल है इसलिए ये जनहित की बात करना ज़रूरी है : इस संकट में देश को ज़िम्मेदार नागरिकों की ज़रूरत है। कांग्रेस साथियों से मेरा अनुरोध है कि सारे राजनीतिक काम छोड़कर सिर्फ़ जनसहायता करें…कांग्रेस परिवार का यही धर्म है।’ अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर का हवाला देते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘सच पर पर्दा डाला जा रहा है, ऑक्सीजन की कमी से इनकार किया जा रहा है और मौतों के आंकड़े को कम बताया जा रहा है। भारत सरकार अपनी फर्जी छवि बचाने के लिए सबकुछ कर रही है।’