राई अफीम मामले में जांच के दौरान विवि. प्रबंधन से 15 लाख मांगने के मामले में इंस्पेक्टर गिरफ्तार
हरेंद्र रपरिया/हप्र, सोनीपत, 15 मई
राजीव गांधी एजुकेशन सिटी, राई में स्थित वल्र्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन में फूलों के बीच उगाई गई अफीम के मामले में नया मोड़ सामने आया है। इस मामले में तत्कालीन सीआईए इंचार्ज पर विश्वविद्यालय प्रबंधन से कथित रूप से रिश्वत मांगने के आरोप के बाद एसआईटी ने जांच कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बताया जा रहा है कि वकील के माध्यम से रुपये लेने की कोशिश हुई थी, लेकिन बाद में वकील ने राशि वापस लौटा दी।
सीआईए-1 में नियुक्त एएसआई सुरेंद्र की टीम ने 27 मार्च को राजीव गांधी एजुकेशन सिटी, राई स्थित वल्र्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन में अफीम के पौधे उगाने का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने माली उत्तर प्रदेश के जिला सुल्तानपुर के गांव मेघमऊ निवासी संतलाल को गिरफ्तार कर 400 पौधे बरामद किए थे। जांच में सामने आया था कि अफीम के बीज दिल्ली से मंगवाए गए थे।
संतलाल के रिमांड के दौरान विवि के अधिकारी यूपी के कन्नौज निवासी धर्मेंद्र मिश्रा का नाम सामने आया था। विश्वविद्यालय परिसर में अफीम की खेती किए जाने की जानकारी सामने आने के बाद यह मामला सुर्खियों में आया था। इस संवेदनशील प्रकरण में जांच के लिए डीसीपी प्रबिना पी. की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया, जिसमें एसीपी अजीत और एसीपी निधि नैन, सीआईए कुंडली प्रभारी व साइबर सेल प्रभारी को शामिल किया गया।
जांच के दौरान तत्कालीन सीआईए प्रभारी तेजराम पर आरोप है कि उसने विवि प्रबंधन से 15 लाख रुपये की मांग की। वकील के माध्यम से सौदेबाजी की गई। हालांकि बाद में वकील ने राशि वापस लौटा दी। मामले का पता लगने पर तेजराम को निलंबित कर दिया गया। साथ ही 5 अप्रैल को एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी ने विवि के मामले की जांच के साथ ही आरोपों की भी जांच की। जिसमें 8 मई को राई थाना में इंस्पेक्टर तेजराम के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।