मुंबई, 26 जुलाई (एजेंसी)
मुंबई के एक अस्पताल में कोरोना वायरस का इलाज करा रहे सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पृथक-वास में रह रहे मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य के संघर्ष के बारे में बात की है।
अमिताभ बच्चन (77) और उनके बेटे अभिषेक बच्चन को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद 11 जुलाई को नानावती अस्पताल के पृथक वार्ड में भर्ती कराया गया था।
अमिताभ ने शनिवार को अपने ब्लॉग में कहा कि इस बीमारी से पैदा हुई मानसिक स्थिति रोगी पर भारी पड़ती है क्योंकि उसे मानवीय संपर्क से दूर रखा जाता है।
उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 मरीज को अस्पताल के अलग वार्ड में रखा जाता है जिससे वह हफ्तों तक दूसरे लोगों को नहीं देख पाता। नर्स और डॉक्टर इलाज के लिए आते हैं और दवाएं देते हैं लेकिन वे हमेशा पीपीई किट्स पहने दिखाई देते हैं।’ अभिनेता ने कहा, ‘क्या इसका मानसिक रूप से मनोवैज्ञानिक असर पड़ता है? मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि पड़ता है। पृथक वास अवधि खत्म होने के बाद मरीजों को गुस्सा आता है, उन्हें पेशेवर मनोवैज्ञानिकों से बातचीत करने की सलाह दी जाती है।’
अपनी खुद की स्थिति बताते हुए अमिताभ ने लिखा कि वह अकेलेपन में अपने आप का मनोरंजन करने के लिए गाना गाते हैं। दिग्गज अभिनेता ने कहा, ‘रात के अंधेरे और ठंडे कमरे में कंपकंपी के बीच मैं गाना गाता हूं…सोने की कोशिश में आंखें बंद करता हूं…आसपास कोई भी नहीं होता।’
अभिनेता ने कोरोना वायरस से संक्रमित न पाए जाने की खबरों को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया था।
अमिताभ की बहू अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन (46) और आठ साल की पोती आराध्या बच्चन भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई और उन्हें गत हफ्ते नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था।