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एक साथ चुनाव : दो पूर्व सीजेआई ने कुछ प्रावधानों पर उठाए सवाल

जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस खेहर ने कुछ सुझाव भी दिए
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नयी दिल्ली, 11 जुलाई (एजेंसी)

देश के दो पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेएस खेहर ने शुक्रवार को देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए प्रस्तावित संविधान संशोधन विधेयक के कुछ प्रावधानों पर सवाल उठाए। इनमें निर्वाचन आयोग को दी गई शक्तियां भी शामिल हैं।

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जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस चंद्रचूड़ के बाद जस्टिस खेहर तीसरे पूर्व सीजेआई हैं, जिन्होंने विधेयक की धारा 82ए(5) के तहत विधानसभा चुनाव कराने के संबंध में चुनाव आयोग को दी गई व्यापक छूट पर सवाल उठाये हैं। जस्टिस खेहर के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ भाजपा सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली संसद की संयुक्त समिति के समक्ष पेश हुए। एक सूत्र ने कहा कि दोनों पूर्व सीजेआई ने सुझाव दिया कि विधेयक में कुछ अस्पष्ट क्षेत्र हैं, जिन पर समिति को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि दोनों पूर्व सीजेआई ने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित कानून संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता, जैसा कि विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं।

जस्टिस खेहर ने सुझाव दिया कि संसद या केंद्रीय मंत्रिपरिषद को विधानसभा का चुनाव कराने के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए। प्रस्तावित कानून की एक अन्य धारा का उल्लेख करते हुए जस्टिस खेहर ने कहा कि इसमें यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि आपातकाल की स्थिति में क्या होगा। सूत्रों ने बताया कि एक और मुद्दा यह उठाया गया कि अगर किसी कारणवश विधानसभा का कार्यकाल बहुत कम, जैसे कुछ महीने, रह जाए और फिर चुनाव इतने ही सीमित समय के लिए हों, तो क्या होगा? चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि समिति विभिन्न प्रकार के विचारों का स्वागत करती है क्योंकि इससे समिति को अच्छी सिफ़ारिशें करने में मदद मिलेगी।

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