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चांदी ने की इस वर्ष निवेशकों की चांदी ही चांदी, अब तक Gold व शेयर से ज्यादा 49% का रिटर्न मिला

Silver Price: इस साल चांदी ने निवेशकों की चांदी ही चांदी यानी बल्ले-बल्ले कर दी। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच जहां निवेशक सुरक्षित विकल्प की ओर बढ़े, वहीं सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में मजबूत औद्योगिक मांग ने चांदी...

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सांकेतिक फाइल फोटो।
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Silver Price: इस साल चांदी ने निवेशकों की चांदी ही चांदी यानी बल्ले-बल्ले कर दी। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच जहां निवेशक सुरक्षित विकल्प की ओर बढ़े, वहीं सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में मजबूत औद्योगिक मांग ने चांदी की चमक और बढ़ा दी। नतीजा यह रहा कि वर्ष 2025 में अब तक चांदी ने 49 प्रतिशत से अधिक रिटर्न दिया है। यह सोने और शेयर बाजार दोनों से ज्यादा है। सोना जहां पारंपरिक रूप से सुरक्षित निवेश माना जाता है, वहीं इस साल उसकी बढ़त सीमित रही। शेयर बाजार ने भी अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन चांदी ने दोनों को पछाड़ दिया।

विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता और जोखिम के बीच स्वच्छ ऊर्जा/सौर/ईवी क्षेत्र में मांग मजबूत बनी हुई है। ऐसे में कुछ सावधानियों के साथ जोखिम क्षमता के आधार पर चांदी अब भी निवेश के लिहाज से अच्छी स्थिति में है।

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उल्लेखनीय है कि एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) में चांदी बीते वर्ष 87,233 रुपये प्रति किलोग्राम थी जो 19 सितंबर, 2025 तक 49.14 प्रतिशत उछलकर 1,30,099 रुपये प्रति किलोग्राम हो गयी। मेहता इक्विटीज लि. के उपाध्यक्ष (जिंस) राहुल कलंत्री ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इस साल चांदी की कीमतों में तेज वृद्धि हुई, जिसका कारण अमेरिकी डॉलर में कमजोर रुख और फेडरल रिजर्व (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) द्वारा ब्याज दर में कटौती को लेकर बढ़ती उम्मीदें थीं।

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इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर बढ़ती भू-राजनीतिक चिंताओं के बीच सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी और सौर एवं इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्रों की मजबूत औद्योगिक मांग ने इस धातु को और मजबूत किया।''

उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ कम आपूर्ति की स्थिति और सोने की रिकॉर्ड तेजी से भी चांदी को समर्थन मिला। वैश्विक संकेतों के अलावा, डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपया घरेलू बाजार में चांदी को और बढ़ावा दे रहा है।''

रिटर्न के लिहाज से चांदी ने सोने और शेयर बाजार को भी पीछे छोड़ दिया है। चांदी ने सालाना आधार पर जहां इस साल अब तक 49.14 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, वहीं सोना 43.2 प्रतिशत और शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी क्रमश: 5.74 प्रतिशत और 7.1 प्रतिशत चढ़े हैं।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के वरिष्ठ प्रबंधक और विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा शोध) मानव मोदी ने कहा, ‘‘चांदी एक ऐसा जिंस है जिसमें बहुमूल्य और मूल धातु दोनों के गुण हैं। सफेद धातु में 2025 में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और यह 1,30,000 रुपये प्रति किलोग्राम के सर्वकालिक घरेलू उच्चस्तर पर पहुंची और 2012 के बाद कॉमेक्स में उच्चतम स्तर 40 डॉलर प्रति औंस पर पहुंची।''

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक तेजी के कारणों का सवाल है, मजबूत औद्योगिक मांग, मजबूत ईटीपी (एक्सचेंज ट्रेडेड प्रोडक्ट) प्रवाह, सुरक्षित निवेश की मांग और औद्योगिक धातुओं में तेजी के कारण इसमें मजबूती आई।'' मोदी ने कहा, ‘‘ सौर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों में एक प्रमुख कच्चे माल के रूप में, चांदी का उपयोग होता है जिससे इसे हरित प्रौद्योगिकी में संरचनात्मक वृद्धि का लाभ मिल रहा है।

इसके अलावा, चीन में नीतियों में ढील, फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती, शुल्क अनिश्चितता और वैश्विक आपूर्ति में कमी सहित सहायक वृहद आर्थिक रुझानों के साथ, चांदी सुरक्षित निवेश और आर्थिक सुधार दोनों ही विषयों से लाभ उठाने की विशिष्ट स्थिति में है।''

सिल्वर इंस्टिट्यूट के अनुसार, 2025 चांदी की आपूर्ति में कमी का लगातार पांचवां साल होगा। इसका अर्थ है कि मांग, आपूर्ति से आगे निकल रही है, और इस मांग का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा औद्योगिक उपयोग से आ रहा है। यह पूछे जाने पर कि निवेश और रिटर्न के लिहाज से चांदी अब निवेशकों के लिए कितनी उपयुक्त है, कलंत्री ने कहा, ‘‘कुछ सावधानियों के साथ इसमें निवेश किया जा सकता है। स्वच्छ ऊर्जा/सौर/इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में मांग मजबूत बनी हुई है।

इसके साथ, भू-राजनीतिक जोखिम, मुद्रा में कमजोर रुख बने रहने या उसके बढ़ने, आने वाले समय में ब्याज दर में कमी (इससे गैर-प्रतिफल वाली संपत्तियां अधिक आकर्षक हो जाती हैं) की उम्मीद के साथ चांदी में और तेजी आ सकती है।''

मोदी ने कहा, ‘‘उपरोक्त बुनियादी बातों को देखते हुए, मध्यम से लंबी अवधि में चांदी में और तेजी आने की संभावना है। सोने के साथ-साथ, व्यक्तिगत जोखिम क्षमता के आधार पर विविधीकरण के तौर पर चांदी को भी अपने निवेश पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहिए। जिंस की उच्च बीटा प्रकृति को देखते हुए, गिरावट का इंतजार करना चाहिए और जोखिम क्षमता के आधार पर निवेश करना चाहिए।''

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