जस्टिस वर्मा के खिलाफ जल्द लिए जाएंगे सांसदों के हस्ताक्षर : रिजिजू
नयी दिल्ली, 3 जुलाई (एजेंसी)
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रमुख विपक्षी दलों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा को हटाने के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है और इस संबंध में सांसदों के हस्ताक्षर कराने की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि यह प्रस्ताव लोकसभा में लाया जाएगा या राज्यसभा में। लोकसभा के लिए कम से कम 100 सांसदों के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है। राज्यसभा के लिए कम से कम 50 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा यह निर्णय लेने के बाद कि प्रस्ताव किस सदन में लाया जायेगा, हस्ताक्षर कराये जायेंगे। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा। जस्टिस (जांच) अधिनियम, 1968 के अनुसार, जब किसी न्यायाधीश को हटाने का प्रस्ताव किसी भी सदन में स्वीकार कर लिया जाता है, तो अध्यक्ष या सभापति, जैसा भी मामला हो, तीन-सदस्यीय एक समिति का गठन करेंगे, जो उन आधारों की जांच करेगी, जिनके आधार पर जज को हटाने (महाभियोग) की मांग की गई है। समिति में भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) या सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, 25 हाईकोर्टों में से किसी एक के मुख्य न्यायाधीश और एक प्रतिष्ठित न्यायविद शामिल होते हैं। रिजिजू ने कहा कि चूंकि यह मामला न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से जुड़ा है, इसलिए सरकार सभी राजनीतिक दलों को साथ लेना चाहती है।