ट्रिब्यून वेब डेस्क
चंडीगढ़, 7 नवंबर
पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब के महाधिवक्ता एपीएस देओल पर पंजाब सरकार के काम में हस्तक्षेप करने और गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाने के एक दिन बाद उन पर पलटवार किया। सिद्धू, जो एक महीने पहले इस पद पर नियुक्त होने के बाद से देओल की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं, ने रविवार को देओल के खिलाफ 12 ट्वीट् का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा-श्री एजी-पंजाब, न्याय अंधा है लेकिन पंजाब के लोग नहीं हैं। हमारी कांग्रेस पार्टी बेअदबी के मामलों में न्याय देने के वादे के साथ सत्ता में आई, जिसमें आप मुख्य साजिशकर्ताओं / अभियुक्तों के लिए उच्च न्यायालय के सामने पेश हुए और हमारी सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। ट्वीट के साथ उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश लग रहा था। उन्होंने कहा-इसके अलावा, आपने विशेष रूप से सीबीआई को जांच स्थानांतरित करने के लिए प्रार्थना की क्योंकि आप पंजाब राज्य में सत्ता में राजनीतिक दल की ओर से दुर्भावना, द्वेष और गुप्त उद्देश्यों के कारण बेअदबी मामलों में उनके झूठे निहितार्थ से डरते थे। आज, आप सत्ता में उसी राजनीतिक दल की उसी सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और मुझ पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि, मैं बेअदबी के मामलों में न्याय के लिए लड़ रहा हूं और आप आरोपी व्यक्तियों के लिए ब्लैंकेट बे ले रहे थे।’
उल्लेखनीय है कि पंजाब के महाधिवक्ता एपीएस देओल ने शनिवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पर हमला बोला तथा उन पर राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए सरकार के कामकाज में बाधा डालने और गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया। देओल की यह टिप्पणी सिद्धू द्वारा पंजाब कांग्रेस प्रमुख पद से अपना इस्तीफा वापस लेने के एक दिन बाद आई है। इस्तीफा वापस लेने के बाद सिद्धू ने ऐलान किया था कि वह तब तक पदभार ग्रहण नहीं करेंगे, जब तक देओल को महाधिवक्ता पद से हटाया नहीं जाता है और नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति के लिए पैनल का गठन नहीं किया जाता है। सिद्धू ने 28 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था।