लखनऊ, 25 मई (एजेंसी)
कांग्रेस के नेता रहे कपिल सिब्बल अब समाजवादी पार्टी (सपा) की ‘साइकिल’ पर राज्यसभा पहुंचेंगे। उन्होंने बुधवार को सपा के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, पार्टी के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव और अन्य वरिष्ठ नेता इस दौरान उनके साथ मौजूद रहे।
पर्चा दाखिल करने के बाद सिब्बल ने कहा कि अब वह कांग्रेस के नेता नहीं हैं, वह 16 मई को पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। समर्थन देने के मुद्दे पर अखिलेश ने कहा, ‘कपिल सिब्बल देश के जाने-माने अधिवक्ता हैं। वह लोकसभा में रहे हों या राज्यसभा में, उन्होंने बात को अच्छी तरह रखा है। हमें उम्मीद है कि देश में जो बड़े-बड़े सवाल हैं… आज देश किस रास्ते पर है, महंगाई रुक नहीं रही है और चीन लगातार हमारी सीमाओं पर आगे बढ़ता जा रहा है।’
अखिलेश ने कहा, ‘तमाम बड़े सवालों पर कपिल सिब्बल समाजवादी पार्टी और अपने विचारों को आगे रखेंगे।’ क्या अब समाजवादी विचारधारा अपनाएंगे? इस सवाल पर सिब्बल ने कहा, ‘हम सब समावेशी विचारधारा के साथ हैं। सपा, राष्ट्रीय लोकदल, स्टालिन, ममता बनर्जी सबके साथ हैं। हम चाहते हैं कि देश एक रहे। हम विपक्ष में रहकर एक गठबंधन बनाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि 2024 में ऐसा माहौल बने कि मोदी सरकार की जो खामियां हैं, उन्हें जनता तक पहुंचाया जाए।’
10 जून को मतदान : उत्तर प्रदेश की 11 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान 10 जून को होगा। प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में सपा के 111 सदस्य हैं और वह तीन उम्मीदवारों को आसानी से राज्यसभा भेज सकती है।
31 साल बाद छोड़ी पार्टी कांग्रेस से नाता तोड़ने का कारण पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा, ‘कांग्रेस से 31 साल तक मेरे गहरे रिश्ते रहे हैं। यह कोई छोटी बात नहीं है। राजीव गांधी की वजह से कांग्रेस में आया था। कभी-कभी ऐसे फैसले करने पड़ते हैं, लेकिन हमारी विचारधारा कांग्रेस से जुड़ी हुई है। हम कांग्रेस से दूर नहीं हैं, उसकी विचारधारा से दूर नहीं हैं, हम कांग्रेस की भावनाओं के साथ हैं। हम चाहते हैं हिंदुस्तान एक समावेशी भारत बने।’