X पर शिवराज सिंह चौहान ने लगा दी Air India की क्लास, मांगनी पड़ी सार्वजनिक माफी
भोपाल, 22 फरवरी (एजेंसी)
Air India: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को एयर इंडिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एयरलाइन यात्रियों से पूरा किराया वसूलती है, लेकिन उन्हें टूटी-फूटी और असुविधाजनक सीटों पर बैठने के लिए मजबूर करती है। उन्होंने इसे अनैतिक और यात्रियों के साथ धोखाधड़ी करार दिया।
शिवराज सिंह चौहान भोपाल से दिल्ली जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट (AI 436) में सफर कर रहे थे। उन्हें सीट नंबर 8C आवंटित की गई, लेकिन जब वे अपनी सीट पर पहुंचे और बैठे, तो उन्होंने पाया कि सीट टूटी हुई और धंसी हुई थी, जिससे बैठना बेहद असुविधाजनक हो गया।
उन्होंने इस अनुभव को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया, जिसके बाद एयर इंडिया हरकत में आई और माफी मांगते हुए जांच का आश्वासन दिया।
शिवराज सिंह चौहान ने पोस्ट में लिखा, "मैंने एयर इंडिया की फ्लाइट AI 436 में भोपाल से दिल्ली की यात्रा की। मुझे सीट नंबर 8C आवंटित की गई। जब मैं सीट पर बैठा, तो पाया कि यह टूटी हुई और धंसी हुई थी। बैठना बेहद असुविधाजनक था।"
उन्होंने आगे कहा कि जब उन्होंने क्रू से इस सीट के बारे में सवाल किया, तो उन्हें बताया गया कि इस सीट की स्थिति पहले से ही मैनेजमेंट के संज्ञान में थी और इसे यात्रियों को नहीं बेचा जाना चाहिए था।
"मेरे साथी यात्रियों ने मुझे अपनी सीट बदलने का प्रस्ताव दिया, लेकिन मैं किसी और को असुविधा में नहीं डालना चाहता था। इसलिए मैंने उसी टूटी हुई सीट पर सफर पूरा करने का फैसला किया," चौहान ने लिखा।
उन्होंने एयर इंडिया पर निशाना साधते हुए कहा, "मुझे लगा था कि टाटा ग्रुप के अधिग्रहण के बाद एयर इंडिया की सेवाओं में सुधार होगा, लेकिन मेरा यह सोचना गलत साबित हुआ। पूरी कीमत वसूलकर यात्रियों को खराब सीटों पर बैठाना क्या अनैतिक नहीं है? क्या यह यात्रियों के साथ धोखा नहीं है?"
उन्होंने एयर इंडिया प्रबंधन से सवाल किया कि क्या भविष्य में ऐसी असुविधा से बचने के लिए कोई कदम उठाया जाएगा, या फिर यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाया जाता रहेगा?
एयर इंडिया ने मांगी माफी
शिवराज सिंह चौहान के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए एयर इंडिया ने X पर माफी मांगी और कहा, "आदरणीय महोदय, हुई असुविधा के लिए हम क्षमा चाहते हैं। कृपया निश्चिंत रहें, हम इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। हम आपसे इस पर चर्चा करना चाहेंगे, कृपया हमें निजी संदेश (DM) में अपना सुविधाजनक समय बताएं।"