मुंबई, 4 जुलाई (एजेंसी)
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार अपने भतीजे अजित पवार समेत कई विधायकों के शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के कारण पैदा हुए संकट से निपटने के लिए कानूनी राय ले रहे हैं। पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने कहा कि सोमवार रात सतारा से लौटने के बाद शरद पवार मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम से निपटने के मद्देनजर कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘कानूनी राय लेना जरूरी है, क्योंकि यह मुद्दा संविधान की 10वीं अनुसूची से संबंधित है।’ क्रास्टो ने दावा किया कि अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को 13 से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त नहीं है और इस पर दल-बदल रोधी कानून के प्रावधान लागू हो सकते हैं। प्रवक्ता ने कहा, ‘बुधवार दोपहर एक बजे शरद पवार द्वारा बुलाई गई बैठक में उन्हें हासिल समर्थन की स्पष्ट तस्वीर सामने आ जाएगी।’ उधर, अजित पवार खेमे ने राकांपा के 53 में से 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया है।
अजित ने खोला पार्टी कार्यालय, बोले- मोदी जैसा कोई नहीं
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को राकांपा के अपने गुट के नये कार्यालय का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा कोई नेता नहीं है, देश उनके नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है, हम उनका समर्थन करने के लिए सरकार में शामिल हुए हैं।’ इस नये कार्यालय में शरद पवार की तस्वीर भी दिखाई दी। इस पर शरद पवार ने कहा कि जिन्होंने मेरी विचारधारा के साथ धोखा किया, वो मेरी तस्वीर का इस्तेमाल नहीं कर सकते।