Sentence to death: फतेहाबाद में दिव्यांग का सिर काटकर थैले में ले जाने वाले भाई को मिली फांसी की सजा
Sentence to death: मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानते हुए फांसी की सजा सुनाई
मदन लाल गर्ग/हप्र, फतेहाबाद, 16जनवरी
Sentence to death: दिव्यांग भाई की बेरहमी से गला काटकर हत्या करने के दोषी भाई को वीरवार को फतेहाबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक अग्रवाल की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानते हुए फांसी की सजा सुनाई।
करीब पांच साल पहले दोषी ने 18 जून 2020 को मकान के झगड़े में गला काटकर हत्या कर दी थी और फिर उसका सिर एक थैले में डालकर अपने साथ ले गया था।
पुलिस ने हत्यारे से कटा हुआ सिर बरामद किया था। पुलिस ने आरोपी पर आईपीसी की धारा 457, 506, 302 व 201 के तहत मामला दर्ज किया था। अदालत ने धारा 302 में फांसी और 20 हजार रुपये के जुर्माने, 457, 506, 201 धारा में 5-5 साल कैद व 5-5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से जिला उप न्यायवादी अरुण कुमार द्वारा पैरवी की गई।
जिला न्यायवादी देवेंद्र मित्तल ने बताया कि इस मामले में मृतक की पंजाब के संगरूर निवासी बहन सुषमा देवी पत्नी मनजीत सिंह ने मामला दर्ज कराया था कि उसके भाई अशोक ने छोटे भाई दीपक की रंजिशवश तेजधार हथियार से गर्दन काटकर हत्या कर दी।
पुलिस को दी शिकायत में सुषमा ने बताया था कि वह छह भाई-बहन हैं, जिनमें दो भाइयों की मौत हो चुकी है। उसका छोटा भाई 40 वर्षीय दीपक तीन-चार साल से दिव्यांग था और उसका तलाक हो चुका था। वह अपनी मां के पास टोहाना की गुगा मेड़ी के पास रहता था। उसकी मां ने 10 साल पहले अपना मकान दीपक के नाम करवा दिया। इस बात से उसका दूसरा भाई अशोक रंजिश रखता था और कई बार उसे मारने की बात कह चुका था।
शिकायतकर्ता अनुसार गांव डांगरा का सुरजीत उसके भाई दीपक का धर्म भाई बना हुआ था। 18 जून 2020 को सुरजीत ने उसे फोन कर बताया कि 17 जून को वह दीपक के घर था, तब अशोक आया और उसके सामने बैठकर शराब पी, जिसके बाद वह अपने गांव आ गया। 18 तारीख को सुबह वह दीपक के घर पहुंचा तो दरवाजे नहीं खुल रहे। जिस पर सुषमा अपने पति के साथ मौके पर पहुंची और पुलिस को सूचित किया।
शिकातयकर्ता अनुसार जब दरवाजा खोलकर अंदर देखा तो घर के बरामदे में भाई दीपक का धड़ खून से लथपथ पड़ा था और तेजधार हथियार से हत्या कर उसकी गर्दन काटी गई थी। उसका सिर भी नहीं मिला। उन्होंने अपने भाई अशोक पर ही हत्या करने और सिर साथ ले जाने के आरोप लगाए थे। घर में लगे सीसीटीवी की डीवीआर भी गायब थी। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। अब अदालत ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है।