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मानवरहित एरियल सिस्टम में आत्मनिर्भरता अनिवार्य : चौहान

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) अनिल चौहान ने बुधवार को कहा कि हाल के वैश्विक संघर्षों में यह बात सामने आई है कि कैसे ड्रोन ‘युद्ध के रणनीतिक संतुलन को गैर आनुपातिक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।’ उन्होंने इस बात...
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प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) अनिल चौहान ने बुधवार को कहा कि हाल के वैश्विक संघर्षों में यह बात सामने आई है कि कैसे ड्रोन ‘युद्ध के रणनीतिक संतुलन को गैर आनुपातिक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ड्रोन और काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम (सी-यूएएस) (मानवरहित हवाई रोधी प्रणाली) में आत्मनिर्भरता भारत के लिए ‘रणनीतिक रूप से अनिवार्य’ है। यहां ‘मानेकशॉ सेंटर’ में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनरल चौहान ने यह भी कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने दिखाया है कि क्यों स्वदेशी रूप से विकसित मानव रहित हवाई प्रणालियां (यूएएस) और सी-यूएएस ‘हमारे क्षेत्र और हमारी जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण हैं’। ‘यूएवी और सी-यूएएस के क्षेत्र में विदेशी ओईएम से वर्तमान में आयात किए जा रहे महत्वपूर्ण घटकों के स्वदेशीकरण’ विषय पर थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर ज्वाइंट वारफेयर स्टडीज’ के सहयोग से एकीकृत रक्षा कार्मिक मुख्यालय (एचक्यू-आईडीएस) की मेजबानी में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह आयोजन हाल में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में हो रहा है जिसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भी शामिल है।

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