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School Van Train Crash स्कूल वैन-ट्रेन टक्कर में 3 बच्चों की मौत, लापरवाही पर फूटा गुस्सा

कडलूर, 8 जुलाई (एजेंसी) तमिलनाडु के कडलूर जिले में मंगलवार सुबह एक बेहद दर्दनाक हादसे में स्कूल वैन की ट्रेन से टक्कर हो गई, जिसमें 3 स्कूली बच्चों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। हादसे ने...
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कडलूर, 8 जुलाई (एजेंसी)

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तमिलनाडु के कडलूर जिले में मंगलवार सुबह एक बेहद दर्दनाक हादसे में स्कूल वैन की ट्रेन से टक्कर हो गई, जिसमें 3 स्कूली बच्चों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। हादसे ने रेलवे और प्रशासनिक सतर्कता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पुलिस के अनुसार, यह हादसा उस वक्त हुआ जब निजी स्कूल की वैन सेम्मनगुप्पम के अनमैन्ड क्रॉसिंग को पार कर रही थी। तभी चलती ट्रेन से उसकी टक्कर हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि 12 वर्षीय लड़का और 16 वर्षीय लड़की की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य बच्चे घायल हो गए। वैन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वैन चालक ने जल्दबाज़ी में क्रॉसिंग पार करने की कोशिश की और खतरे को नज़रअंदाज़ कर दिया।

सीएम ने जताया शोक, 5-5 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने हादसे पर गहरा शोक जताते हुए मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। रेलवे ने भी मृतकों के लिए 5 लाख रुपये और घायलों के लिए 50 हजार से ढाई लाख रुपये तक के मुआवज़े की घोषणा की है।

रेलवे गेटकीपर निलंबित, जांच शुरू

रेलवे के अनुसार, गेटकीपर ने नियमों का उल्लंघन करते हुए स्कूल वैन चालक के कहने पर गेट खोल दिया, जबकि ट्रैक पर ट्रेन आ रही थी। अब उसे निलंबित कर दिया गया है। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि घटना की गहराई से जांच की जाएगी और दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा।

घायलों का इलाज और परिजनों की हालत

घायल बच्चों को तुरंत कडलूर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दो की हालत गंभीर बनी हुई है। ज़रूरत पड़ने पर उन्हें पुडुचेरी के जेआईपीएमईआर में स्थानांतरित किया जा सकता है। हादसे के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

स्थानीय लोगों में गुस्सा, रेलवे से जवाब तलब

घटना के बाद इलाके में गुस्से का माहौल है। लोगों का कहना है कि क्रॉसिंग पर न तो कोई बैरियर था और न ही गार्ड की सतर्कता। स्कूल प्रशासन पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि बच्चों को ले जाते समय सुरक्षा मानकों की अनदेखी क्यों की गई।

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