आतंकी ठिकानों पर कहर बनकर बरसे स्कैल्प और हैमर
विजय मोहन/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 7 मई
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में फ्रांसीसी मूल की लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल स्कैल्प और हैमर स्मार्ट बम का इस्तेमाल किया गया। इन दोनों हथियारों को भारत ने राफेल लड़ाकू विमानों के लिए खरीदा था। राफेल को भारतीय वायुसेना में 2021 में शामिल किया गया था और यह फिलहाल अम्बाला और हासीमारा (पूर्वोत्तर) एयरबेस पर तैनात हैं।
राफेल विमानों के साथ मिग-29, सुखोई-30 जैसे लड़ाकू विमान, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, निगरानी ड्रोन और अन्य विमानों ने भी ऑपरेशन में सहयोग दिया, ताकि पाकिस्तानी वायुसेना की संभावित प्रतिक्रिया और निगरानी तंत्र को निष्िक्रय किया जा सके।
नेवी ने भी निभाई भूमिका : रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय नौसेना ने भी इस ऑपरेशन में भागीदारी की। उसके बोइंग पी-8 पोसाइडन निगरानी विमान ने ग्राउंड मैपिंग और टारगेट लोकेशन में मदद की। ये विमान पहले चीन के साथ गतिरोध के दौरान हिमालयी क्षेत्रों में भी तैनात किए गए थे।
क्या हैं स्कैल्प और हैमर हथियार ?
स्कैल्प ( स्ट्रोम शैडो) एक ‘फायर एंड फॉरगेट’ टाइप लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल है, जिसे लॉन्च करने के बाद नियंत्रित नहीं किया जा सकता। यह जीपीएस और टेरेन मैपिंग सेंसर की मदद से खुद ही लक्ष्य तक पहुंच जाती है। इसका वजन 1300 किलोग्राम और वारहेड 450 किलो का होता है। यह 250 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को भेद सकती है। इसे कमांड सेंटर, एयरबेस, बंदरगाह, गोदाम जैसे रणनीतिक ठिकानों पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। हैमर (हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज) एक ऑल-वेदर, एयर-टू-सर्फेस हथियार है, जो 70 किलोमीटर तक की दूरी तक लक्ष्य भेद सकता है। इसमें 125 से लेकर 1000 किलो तक के बमों के विकल्प उपलब्ध हैं। यह रॉकेट बूस्टर और पंखों की मदद से बेहद सटीकता से लक्ष्य तक पहुंचता है। भारत अब अपने स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान में भी हैमर को शामिल कर रहा है। यूक्रेन-रूस युद्ध में भी इन दोनों हथियारों का प्रयोग हो चुका है।
हरियाणा-पंजाब समेत देशभर में ‘मॉक ड्रिल’
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पिछले महीने हुए आतंकी हमले के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किये जाने के बाद हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ समेत विभिन्न राज्यों में बुधवार को ‘मॉक ड्रिल’ की गयी। झारखंड के छह राज्यों में सायरन बजने के बाद ‘मॉक ड्रिल’ की शुरुआत हुई। हरियाणा के सभी 11 जिलों में ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत ‘मॉक ड्रिल’ की गयी। प्रदेश के गुरुग्राम, पंचकूला, अंबाला और रोहतक में व्यस्त शॉपिंग मॉल, बाजारों और अन्य प्रतिष्ठानों में अभ्यास किया गया।