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Savarkar remarks : राहुल गांधी को राहत, नासिक कोर्ट ने सावरकर टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में दी जमानत 

अदालत ने 15,000 रुपये के मुचलके पर जमानत अर्जी मंजूर कर ली
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राहुल गांधी। फोटो स्रोत राहुल गांधी के वाट्सएप चैनल से
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महाराष्ट्र के नासिक शहर की एक अदालत ने 2022 में ‘भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर के बारे में टिप्पणी के लिए दायर मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जमानत दे दी। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आर सी नरवाडिया के समक्ष 'वीडियो लिंक' के माध्यम से पेश हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने खुद को निर्दोष बताया।
नासिक निवासी देवेंद्र भुतड़ा ने अपने वकील मनोज पिंगले के माध्यम से भारतीय दंड संहिता की धाराओं 500 (मानहानि) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया है। गांधी द्वारा निर्दोष होने की दलील दिए जाने के बाद उनके वकीलों ने जमानत देने का अनुरोध किया। वकील पिंगले ने बताया कि अदालत ने 15,000 रुपये के मुचलके पर जमानत अर्जी मंजूर कर ली।
 
एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के निदेशक, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि गांधी ने हिंगोली में संवाददाता सम्मेलन में और नवंबर 2022 में अपनी यात्रा के दौरान एक भाषण में ऐसे बयान दिए जिससे सावरकर की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। आरोपी के भाषण और प्रेस बयानों ने शिकायतकर्ता के आदर्श सावरकर की प्रतिष्ठा और स्वतंत्रता से पहले के समय में उनके द्वारा किए गए नेक कार्यों के साथ-साथ समाज में उनके योगदान को धूमिल करने का प्रयास किया है।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गांधी ने कहा कि सावरकर ने हाथ जोड़कर रिहाई की प्रार्थना की थी और बाद में ब्रिटिश सरकार के लिए काम करने का वादा किया। गांधी के खिलाफ पुणे में सावरकर के पोते द्वारा दायर मानहानि का मुकदमा भी चल रहा है। यह मुकदमा दिवंगत हिंदुत्व विचारक के बारे में उनके बयानों को लेकर दायर किया गया है।
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