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Sardar Patel Jayanti: मोदी ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर अर्पित किए पुष्प, शाह बोले- अनुच्छेद 370 हटाकर साकार हुआ पटेल का सपना

Sardar Patel Jayanti: मुर्मू बोलीं— आइए एक मजबूत, सामंजस्यपूर्ण और उत्कृष्ट भारत के निर्माण का संकल्प लें

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Sardar Patel Jayanti: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 150वीं जयंती पर गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए। (@NarendraModi via PTI Photo)
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Sardar Patel Jayanti: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुर्मू ने सभी से एक मजबूत, सामंजस्यपूर्ण और उत्कृष्ट भारत के निर्माण का संकल्प लेने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरदार पटेल अन्य रियासतों की तरह पूरे कश्मीर को भी भारत में मिलाना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया। गुजरात के एकता नगर में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के पास राष्ट्रीय एकता दिवस परेड के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘सरदार पटेल का मानना ​​था कि इतिहास लिखने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि इतिहास बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।''

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मोदी ने कहा, ‘‘सरदार पटेल पूरे कश्मीर का एकीकरण करना चाहते थे जैसा उन्होंने अन्य रियासतों के साथ किया था। लेकिन नेहरू जी ने उनकी इच्छा पूरी नहीं होने दी। कश्मीर का विभाजन हुआ, उसे अलग संविधान और अलग झंडा दिया गया और कांग्रेस की इस गलती का खामियाजा देश को दशकों तक भुगतना पड़ा।''

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मोदी ने कहा, ‘‘आजादी के बाद सरदार पटेल ने 550 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय कराने का असंभव सा लगने वाला कार्य पूरा किया। एक भारत, श्रेष्ठ भारत का विचार उनके लिए सर्वोपरि था।'' उन्होंने कहा, ‘‘सरदार पटेल ने एक बार कहा था कि उन्हें सबसे ज्यादा खुशी राष्ट्र की सेवा करने से मिलती है। मैं अपने देशवासियों को यह संदेश देना चाहता हूं कि राष्ट्र की सेवा में खुद को समर्पित करने से बढ़कर खुशी का और कोई स्रोत नहीं है।''

मोदी ने कहा, ‘‘देश ने घुसपैठियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का फैसला कर लिया है। राष्ट्रीय एकता दिवस पर हमें देश से हर घुसपैठिए को बाहर निकालने का संकल्प लेना चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारे देश की एकता और आंतरिक सुरक्षा घुसपैठियों से गंभीर खतरे का सामना कर रही है। दशकों से घुसपैठिए हमारे देश में घुसकर इसके जनसांख्यिकीय संतुलन को बिगाड़ रहे हैं।''

नक्सलवाद के खिलाफ किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक नक्सलवाद और माओवाद को देश से जड़ से उखाड़ नहीं दिया जाता। उन्होंने कांग्रेस की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को भारत पर राज करने वाले अंग्रेजों से ‘गुलामी की मानसिकता' विरासत में मिली है। उन्होंने कहा कि देश औपनिवेशिक मानसिकता के हर निशान को मिटा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे देश की एकता को कमजोर करने वाले हर विचार या कार्य का हर नागरिक को त्याग करना चाहिए। यह हमारे देश के लिए समय की मांग है।''

अपने संबोधन से पहले मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस परेड का अवलोकन किया जिसमें पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ियों ने भाग लिया। सभी टुकड़ियों की कमान महिला अधिकारियों ने संभाली, जिनमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जैसे अर्द्धसैनिक बल और जम्मू कश्मीर, पंजाब, असम, त्रिपुरा, ओडिशा, छत्तीसगढ़, केरल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश की पुलिस टुकड़ियां शामिल थीं।

राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की एक टुकड़ी ने भी परेड में हिस्सा लिया। परेड में बीएसएफ के 16 जवानों ने भाग लिया जिन्हें ‘ऑपरेशन सिंदूर' में उनकी भागीदारी के लिए वीरता पदक से सम्मानित किया गया था। परेड में बीएसएफ के भारतीय नस्ल के कुत्तों का एक मार्चिंग दस्ता भी शामिल था, जिसमें प्रसिद्ध मुधोल हाउंड नस्ल की रिया भी शामिल थी, जिसने हाल में अखिल भारतीय पुलिस श्वान प्रतियोगिता जीती थी।

रामपुर हाउंड और मुधोल हाउंड ने इस कार्यक्रम में अपने कौशल का प्रदर्शन किया जिसमें भारतीय वायु सेना की सूर्य किरण टीम का एक शानदार ‘एयर शो' भी शामिल था। ‘सूर्य किरण एरोबैटिक टीम' का गठन 1996 में किया गया था और यह दुनिया की कुछ चुनिंदा नौ-विमान एरोबैटिक टीम में से एक है तथा एशिया में अपनी तरह की एकमात्र टीम है। परेड में असम पुलिस द्वारा एक मोटरसाइकिल ‘डेयरडेविल शो' और बीएसएफ का ऊंट पर सवार दस्ता और बैंड भी शामिल था। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) सहित विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की दस झांकियां विविधता में एकता के विषय की पुष्टि करती नजर आईं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अनुच्छेद 370 हटाकर एकीकृत भारत के सरदार पटेल के सपने को साकार किया : शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाकर सरदार वल्लभभाई पटेल के एकीकृत भारत के सपने को साकार किया। देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर यहां मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में ‘रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाते हुए शाह ने कहा कि भारत की आजादी के बाद अंग्रेजों ने देश को 562 रियासतों में बांटकर छोड़ने का फैसला किया।

उन्होंने कहा, ‘‘उस समय पूरी दुनिया को लगा कि इन 562 रियासतों को एक राष्ट्र में मिलाना असंभव होगा लेकिन सरदार पटेल ने बहुत कम समय में इन सभी रियासतों का एकीकरण कर दिखाया। आज हम जिस आधुनिक भारत का नक्शा देखते हैं, वह उनकी दूरदर्शिता और अथक प्रयासों का परिणाम है।'' गृह मंत्री ने कहा कि कुछ रियासतों ने भारत में विलय को लेकर हिचकिचाहट दिखाई थी लेकिन सरदार पटेल ने हर चुनौती का सामना दृढ़ निश्चय के साथ किया।

शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू कश्मीर भारत का पूर्ण रूप से हिस्सा नहीं बन सका था। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाकर सरदार पटेल के अधूरे कार्य को पूरा किया और आज हमारे पास ‘अखंड भारत' है।'' उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने सरदार पटेल को वह सम्मान नहीं दिया जिसके वह हकदार थे। उन्होंने कहा कि देश के एकीकरण के निर्माता को भारत रत्न देने में भी 41 साल की देरी हुई।

शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस शासन में न तो उनके नाम पर कोई भव्य स्मारक बना और न ही कोई स्मृति स्थल। जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने तभी उन्होंने सरदार पटेल की स्मृति में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का विचार रखा और एक भव्य स्मारक बनाया। इस प्रतिमा की नींव 31 अक्टूबर 2013 को रखी गई थी।'' उन्होंने बताया कि 182 मीटर ऊंची इस प्रतिमा का निर्माण मात्र 57 महीनों में पूरा हो गया जिसमें देशभर के किसानों के औजारों से जुटाए गए लोहे का उपयोग किया गया। शाह ने कहा कि इन औजारों को एकत्र कर लगभग 25,000 टन लोहे का निर्माण किया गया जो प्रतिमा के निर्माण में उपयोग हुआ।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘इसमें 90,000 घन मीटर कंक्रीट और 1,700 टन से अधिक कांसा लगाया गया जिससे यह स्मारक बना, जो आज सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देने का प्रतीक बन चुका है।'' उन्होंने बताया कि अब तक 2.5 करोड़ से अधिक देशी और विदेशी पर्यटक ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का दर्शन कर चुके हैं और यह भारतीय अभियांत्रिकी की एक अनोखी मिसाल बन गई है। इससे पहले, शाह ने यहां पटेल चौक पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक एक पोस्ट में ‘लौह पुरुष' सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें ‘‘राष्ट्रीय एकता, अखंडता और किसानों के सशक्तीकरण का प्रतीक'' बताया। उन्होंने लिखा, ‘‘सरदार साहब ने रियासतों का विलय कर देश की एकता और सुरक्षा को मजबूत किया और किसानों, पिछड़े वर्गों तथा वंचितों को सहकारिता से जोड़कर आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर किया।'' शाह ने कहा कि सरदार पटेल का दृढ़ विश्वास था कि भारत के विकास की धुरी किसानों की समृद्धि में निहित है।

उन्होंने कहा, ‘‘पटेल ने अपना पूरा जीवन किसानों के कल्याण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित किया। सरदार साहब द्वारा निर्मित राष्ट्र की रक्षा करना हर देशभक्त का कर्तव्य है, जो न्याय और एकता के सिद्धांतों पर आधारित है।'' मोदी सरकार 2014 से हर वर्ष 31 अक्टूबर को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाती आ रही है ताकि देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता को दोहराया जा सके।

भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल को 550 से अधिक रियासतों को भारतीय संघ में मिलाने का श्रेय दिया जाता है। इस वर्ष उनकी 150वीं जयंती के अवसर पर देशभर में राष्ट्रीय एकता दिवस के तहत अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें गुजरात के केवड़िया में उनकी प्रतिमा के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में एक भव्य परेड का आयोजन भी शामिल है।

आइए मजबूत, सामंजस्यपूर्ण और उत्कृष्ट भारत के निर्माण का संकल्प लें: मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी तथा सभी से एक ‘‘मजबूत, सामंजस्यपूर्ण और उत्कृष्ट भारत'' के निर्माण का संकल्प लेने को कहा। मुर्मू ने कहा कि सरदार पटेल एक महान देशभक्त, दूरदर्शी नेता और राष्ट्र निर्माता थे जिन्होंने अपने अटूट संकल्प, अदम्य साहस और कुशल नेतृत्व से देश को एकीकृत करने का ऐतिहासिक कार्य पूरा किया।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘ ‘लौह पुरुष' सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर मैं सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। सरदार पटेल एक महान देशभक्त, दूरदर्शी नेता और राष्ट्र-निर्माता थे जिन्होंने अपने अटूट संकल्प, अदम्य साहस और कुशल नेतृत्व से देश के एकीकरण का ऐतिहासिक कार्य किया।''

मुर्मू ने कहा, ‘‘ उनकी कर्मनिष्ठा और राष्ट्रसेवा की भावना हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आइए ‘राष्ट्रीय एकता दिवस' के अवसर पर हम सब एकजुट होकर, एक सशक्त, समरस और श्रेष्ठ भारत के निर्माण का संकल्प लें।'' आज ही के दिन 1875 में गुजरात के नाडियाद में जन्मे पटेल ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। अपने असाधारण नेतृत्व और राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए पटेल को ‘लौह पुरुष' भी कहा जाता है।

मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी सरदार पटेल चौक पर लौह पुरुष को पुष्पांजलि अर्पित की।

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