संजीव जमानत पर रिहा, सोनिया के लिए बेल बॉन्ड देने वाला कोई नहीं
रेलू राम पूनिया हत्याकांड सामने आई हत्यारों में अनबन
करीब 24 साल पहले जिस सोनिया ने पति संजीव के साथ मिलकर अपने माता-पिता, भाई-भाभी, बहन, भतीजे-भतिजियों सहित कुल आठ लोगों की हत्या कर दी थी, आज उसी पति के साथ उसकी अनबन है। अनबन इतनी बढ़ गई है कि संजीव की मां ने अपनी बहू सोनिया के लिए बेल बॉन्ड तक नहीं दिया। संजीव के लिए मां राजबीरी देवी और चाचा राजेंद्र ने एक-एक लाख रुपये के बेल बॉन्ड हिसार की अदालत में दिए। हिसार के बाद उत्तर प्रदेश की अदालत से रिलीज ऑर्डर जारी होने के बाद शनिवार शाम को संजीव को करनाल जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया। करनाल जेल अधीक्षक लखवीर सिंह ने इसकी पुष्टि की। राजबीरी देवी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की रहने वाली हैं। सूत्रों के अनुसार, सोनिया के लिए बेल बॉन्ड न तो संजीव का परिवार और न ही उसके चाचा व चचेरे भाई-बहन देंगे। सूत्रों के अनुसार, करनाल का एक परिवार सोनिया के लिए बेल बॉन्ड दे सकता है। इस परिवार से सोनिया की जान-पहचान जेल में हुई थी। उम्मीद जताई जा रही है कि सोनिया के लिए सोमवार को कोई बेल बॉन्ड देने के लिए हिसार अदालत में आ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट जाएंगे : खोवाल
रेलू राम के भाइयों की तरफ से पैरवी करने वाले एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद रेलू राम के भाइयों के परिवार को जान का खतरा है। हालांकि, पुलिस ने रेलू राम की लितानी गांव स्थित कोठी के बाहर एक पीसीआर तैनात कर दी है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ शीघ्र ही सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की जाएगी।
भाइयों ने बांट ली प्रॉपर्टी : रेलू राम के पांच भाई थे। इनमें तीन की पहले ही मौत हो गई थी। एक की रेलू राम परिवार हत्याकांड के बाद मौत हो गई। अभी एक भाई राम सिंह जिंदा है। इस हत्याकांड के बाद करीब 102 एकड़ जमीन का बंटवारा रेलू राम के भाइयों के परिवार में हो चुका है। फरीदाबाद की एक 500 गज की कोठी को बेचकर उसकी राशि भी इन परिवारों ने बांट ली है। रेलू राम की कोठी उसके वारिशों के नाम हो चुकी है।
सोनिया और उसके बेटे का नहीं है प्रॉपर्टी पर अधिकार : जाखड़
हिसार के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश जाखड़ ने कहा कि हिंदू सक्सेशन एक्ट की धारा 25 के तहत यदि कोई व्यक्ति अपने माता-पिता की हत्या करता है तो कानून वह वंशज के तौर पर उसकी प्रॉपर्टी प्राप्त नहीं कर सकता। इसी प्रकार इसी एक्ट की धारा 27 के तहत हत्या करने वालों के बच्चे भी इस प्रॉपर्टी के हकदार नहीं बन सकते। सूत्रों की मानें तो लितानी गांव में रेलूराम की कोठी के कुछ हिस्से पर सोनिया दावा कर सकती है, क्योंकि वह कोठी जिस जमीन पर बनी है, उसमें से कुछ जमीन हत्याकांड से पहले ही सोनिया के नाम थी।

