भूस्खलन के बाद घने जंगल की गुफा में मिली रूसी महिला, उसके दो बच्चे
कारवार, 12 जुलाई (एजेंसी)
भूस्खलन के बाद घने जंगल के आसपास पुलिस गश्त करने पहुंची तो उन्हें कुछ कपड़े टंगे दिखे। अनहोनी की आशंका पर तलाशी ली तो वहां एक गुफा में रूसी महिला और उसके दो बच्चे मिले। मामला उत्तर कन्नड़ जिले के कुमटा तालुक की शांत, लेकिन दुर्गम रामतीर्थ पहाड़ियों का है।
पुलिस के मुताबिक रूसी महिला आध्यात्मिक शांति की तलाश में वहां रह रही थी। उन्होंने बताया कि महिला की पहचान 40 वर्षीय नीना कुटीना उर्फ मोही के रूप में हुई है। वह ‘बिजनेस वीजा’ (जो 2017 में खत्म हो गया था) पर आई थी। वह हिंदू धर्म तथा भारत की आध्यात्मिक परंपराओं से बहुत ज्यादा प्रभावित हुई, इसलिए वह गोवा के रास्ते पवित्र तटीय शहर गोकर्ण पहुंची थी। अधिकारी ने बताया कि मोही के दो बच्चे भी हैं, जिनका नाम प्रेया (6) और अमा (4) है। उन्होंने एक प्राकृतिक गुफा के अंदर एक साधारण सा घर बना लिया था। अधिकारी ने बताया कि मोही ने वहां रुद्र की प्रतिमा स्थापित की हुई थी। उन्होंने कहा कि वह प्रकृति के बीच आध्यात्मिक शांति की तलाश में पूजा और ध्यान में अपना दिन बिताया करती थी।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘यह बहुत ही हैरानी की बात है कि वे जंगल में कैसे जीवित रहे और क्या खाते-पीते रहे। शुक्र है कि जंगल में रहने के दौरान उनके या उनके बच्चों के साथ कोई अनहोनी नहीं हुई।’ उनके अनुसार, महिला संभवतः गोवा से यहां पहुंची है।
निर्वासन की तैयारी शुरू
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमने एक साध्वी द्वारा संचालित आश्रम में उसके रहने की व्यवस्था की है। हमने उसे गोकर्ण से बेंगलुरू ले जाने और निर्वासन की प्रक्रिया शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।’ एक स्थानीय एनजीओ की मदद से रूसी दूतावास से संपर्क किया गया और उसे निर्वासित करने की औपचारिकताएं शुरू
की गईं।