अब तक के सबसे निचले स्तर पर लुढ़का रुपया
रुपया बृहस्पतिवार को 39 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर 90.33 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के बीच स्थानीय मुद्रा दबाव में रही। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि रुपये में गिरावट जारी रहने की आशंका है, क्योंकि भारत एवं अमेरिका के बीच व्यापार समझौते में देरी से निवेशकों का भरोसा प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा, बाजार में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति और विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी ने भी रुपये पर दबाव डाला। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 89.95 पर खुला। फिर कमजोर होता हुआ कारोबार के दौरान अपने सबसे निचले स्तर 90.48 पर आ गया।
हालांकि, कारोबार के अंत में रुपया 90.33 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 39 पैसे कम है। रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 89.87 पर बंद हुआ था। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन के भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के अगले साल मार्च तक संपन्न होने की संभावना जताने के बाद रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के बीच भारतीय रुपया अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, सकारात्मक घरेलू बाजारों और कमजोर अमेरिकी डॉलर ने गिरावट को कुछ हद तक कम किया।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा मत है कि रुपये में गिरावट जारी रहेगी, क्योंकि भारत एवं अमेरिका के बीच व्यापार समझौते में देरी से घरेलू मुद्रा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। केंद्रीय बैंक के किसी भी हस्तक्षेप से रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है। अमेरिकी डॉलर/भारतीय मुद्रा का हाजिर भाव 90.10 से 90.75 के बीच रहने के आसार हैं।’
