रुपया और गिरा, अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा, 1 US डॉलर की कीमत 90.43 रुपये
Rupee Fall: भारतीय रुपया गुरुवार को शुरुआती कारोबार में 28 पैसे टूटकर अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर 90.43 पर पहुंच गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की भारी बिकवाली, आयातकों की डॉलर मांग और रिज़र्व बैंक के सीमित हस्तक्षेप ने...
Rupee Fall: भारतीय रुपया गुरुवार को शुरुआती कारोबार में 28 पैसे टूटकर अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर 90.43 पर पहुंच गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की भारी बिकवाली, आयातकों की डॉलर मांग और रिज़र्व बैंक के सीमित हस्तक्षेप ने घरेलू मुद्रा पर दबाव बढ़ाया है।
इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 90.36 पर खुला। कुछ ही देर में यह 90.43 प्रति डॉलर पर गिर गया — जो अब तक का सबसे निचला स्तर है। बुधवार को पहली बार रुपया 90 के पार गया था और 90.15 पर बंद हुआ था। फॉरेक्स ट्रेडर्स के अनुसार, RBI ने MPC बैठक से पहले बाजार में बड़े पैमाने पर हस्तक्षेप नहीं किया है, जिसके कारण दबाव और बढ़ा।
कमजोर रुपया—क्या अर्थव्यवस्था पर असर?
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने कहा कि गिरता रुपया इस समय न तो महंगाई को प्रभावित कर रहा है और न ही निर्यात को। हालांकि आयात महंगा होने से पेट्रोलियम, इलेक्ट्रॉनिक्स और जेम्स-ज्वेलरी जैसे क्षेत्रों पर लागत का दबाव बढ़ सकता है।
वैश्विक संकेत
डॉलर इंडेक्स 0.14% बढ़कर 98.99 पर। ब्रेंट क्रूड 0.49% बढ़कर 62.98 डॉलर प्रति बैरल। अंतरराष्ट्रीय व्यापार तनाव ने भी बाज़ारों में सतर्कता बढ़ाई है। फिनरेक्स ट्रेज़री के अनिल कुमार भांसाली का कहना है कि व्यापार समझौता होने तक रुपया 91 के स्तर की ओर भी बढ़ सकता है।
RBI की नीति बैठक पर निगाहें
क्रॉस-करेंसी उतार-चढ़ाव के बीच अब 5 दिसंबर को RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक पर बाज़ार की नजरें हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कमजोर रुपये की वजह से RBI फिलहाल ब्याज दरों में कटौती से बच सकता है। CR Forex Advisors के अमित पबारी ने कहा, “अब निवेशक सिर्फ दरों का नहीं, गवर्नर के बयान में रुपये की दिशा भी देखना चाहते हैं।”

