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वक्फ जेपीसी में हंगामा, 10 विपक्षी सदस्य निलंबित

विपक्ष की ओम बिरला से दखल की गुहार, समिति अध्यक्ष पर मनमानी का आरोप
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मीरवाइज
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नयी दिल्ली, 24 जनवरी (एजेंसी)

वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ और दस विपक्षी सदस्यों को समिति से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। विपक्षी सदस्यों ने समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर कार्यवाही को ‘तमाशा’ बनाने, मनमानी करने और नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए दावा किया कि वह सरकार के शीर्ष स्तर के निर्देश पर काम कर रहे हैं। निलंबन के बाद विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह पाल को समिति की कार्यवाही पारदर्शी एवं निष्पक्ष तरीके से संचालित करने का निर्देश दें और 27 जनवरी को प्रस्तावित अगली बैठक स्थगित की जाये। वहीं, पाल ने कहा कि विपक्षी सांसदों ने बैठक को बाधित करने के उद्देश्य से हंगामा किया। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस नेता कल्याण बनर्जी पर अपशब्द बोलने का आरोप लगाया। इस बीच, सूत्रों का कहना है कि समिति 29 जनवरी को मसौदा रिपोर्ट स्वीकार कर

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सकती है।

निलंबित सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, नदीम-उल हक, कांग्रेस के मोहम्मद जावेद, इमरान मसूद, सैयद नासिर हुसैन, द्रमुक के ए. राजा, मोहम्मद अब्दुल्ला, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, सपा के मोहिबुल्लाह और शिवसेना-यूबीटी के अरविंद सावंत शामिल हैं।

विपक्षी सदस्यों ने अध्यक्ष पर कार्यवाही में बाधा डालने और मनमानी से बैठक का एजेंडा बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव के कारण कार्यवाही में तेजी लाई जा रही है।

संशोधन का विरोध जताने पहुंचे मीरवाइज अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर के एक प्रतिनिधिमंडल ने समिति के समक्ष विधेयक का विरोध किया। पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद यह पहली बार है जब मीरवाइज ने कश्मीर घाटी से बाहर कदम रखा। उन्होंने वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को मुस्लिम पर्सनल लॉ का उल्लंघन बताते हुए कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित है। वहीं, भाजपा के कई सदस्यों ने संवैधानिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने के उनके फैसले काे सराहा। समिति की बैठक से पहले मीरवाइज ने संवाददाताओं से कहा, ‘वक्फ का मुद्दा बहुत गंभीर मामला है, खासकर जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए। हम चाहते हैं कि सरकार वक्फ मामलों में हस्तक्षेप करने से बचे।’ फोटो : एएनआई

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