दिनेश भारद्वाज
चंडीगढ़, 17 अक्तूबर
हरियाणा में रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) में फैले भ्रष्टाचार पर राज्य की गठबंधन सरकार ने बड़ी चोट कर दी है। प्रदेश में आरटीए की पोस्ट को तुरंत प्रभाव से खत्म कर दिया गया है। अब गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन, नवीनीकरण व लाइसेंस बनाने सहित अथॉरिटी से जुड़े तमाम कार्यों का जिला डीटीओ (डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर) के हाथों में होगा। ये एकदम नयी पोस्ट होंगी।
इतना ही नहीं, जिलों व उपमंडल की ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के बिचौलियों यानी पैसे लेकर काम करवाने वाले 250 के करीब दलालों की सूची भी सरकार ने तैयार कर ली है। शनिवार को पहले नवरात्र के मौके पर चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में मीडिया से रूबरू हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ट्रांसपोर्ट विभाग में किए गए नये सुधारों का खुलासा किया। इस मौके पर परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा भी उनके साथ मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने बेझिझक यह बात स्वीकार की कि ग्राउंड लेवल पर भी भ्रष्टाचार है।
सीएम ने माना कि बड़ी संख्या में भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके बिचौलिय न केवल सरकार को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि इससे पब्लिक को भी नुकसान होता है। इससे पहले भी सरकार ने एचसीएस अधिकारियों की जगह एडीसी को आरटीए सचिव का अतिरिक्त जिम्मा सौंपा था, लेकिन अब डीटीओ पूरी तरह से स्वतंत्र होंगे। सभी 22 जिलों में डीटीओ के दफ्तर भी अलग होंगे और उन्हें कोई अतिरिक्त काम नहीं दिया जाएगा।
इसके लिए सरकार ने प्रावधान में बदलाव भी किया है। सीएम ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि जिला परिवहन अधिकारी आईएएस-एचपीएस के अलावा आईपीएस-एचपीएस, फोरेस्ट या अन्य किसी विभाग के अधिकारी भी नियुक्त किए जा सकेंगे। किसी भी क्लास-वन अधिकारी को यह जिम्मा सौंपा जा सकता है। भ्रष्टाचार से जुड़े सवाल पर सीएम ने कहा कि ये नियुक्त होने वाले डीटीओ को बिचौलियों की सूची अगले 2 दिनों में सौंप दी जाएगी।
गाैरतलब है कि करीब 20 साल पहले चौटाला सरकार में भी इसी तरह से डीटीओ लगाए गए थे। बाद में यह सिस्टम खत्म कर दिया गया और आरटीए की पोस्ट इजाद की गई।
पीपीपी मॉडल पर होगी शहरों में पार्किंग
शहरों में वाहनों की पार्किंग को लेकर आ रही समस्या का समाधान करने का जिम्मा भी डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसरों के जिम्मे होगा। शहरी स्थानीय निकायों तथा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण अभी तक पार्किंग का काम देख रहा था, लेकिन अब जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय इसे संभालेंगे। इतना ही नहीं, इन दोनों ही विभागों से पार्किंग की जगह भी ट्रांसफर होगी। सरकार पीपीपी मॉडल पर पार्किंग स्थल बनाएगी।
रांग-पार्किंग पर होंगे चालान
रांग पार्किंग के चालान काटने का काम अभी तक पुलिस के पास था, लेकिन अब यह काम भी डीटीओ करेंगे। इसी तरह से शहरों में ट्रांसपोर्ट नगरों की देखरेख और नये नगरों की स्थापना भी आगे से डीटीओ ही करेंगे। ट्रांसपोर्टरों के लिए सभी केंद्र एक ही जगह पर होंगे।
प्रतिनियुक्ति पर मिलेगा स्टॉफ
सीएम ने स्वीकार किया कि ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में मौजूदा स्टाफ काफी कम है। उन्होंने कहा कि डीटीओ दफ्तरों में नया स्टॉफ भर्ती होगा। वर्तमान में कुल 627 अधिकारियों व कर्मचारियों का स्टॉफ जिलों में है। नई भर्ती होने तक दूसरे विभागों से प्रतिनियुक्ति पर स्टॉफ लगाया जाएगा ताकि ट्रांसपोर्ट विभाग का काम बाधित न हो।
जिलों में तीसरी नयी पोस्ट
राज्य की मौजूदा सरकार ने जिलों में तीसरी ‘स्वतंत्र’ पोस्ट सृजित की हैं। सबसे पहले जिला परिषदों में एचसीएस अधिकारियों को सीईओ नियुक्त किया गया। इसके बाद पिछले माह ही सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों यानी नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं में जिला पालिका आयुक्त (डीएमसी) के नये पद सृजित करके उनकी नियुक्ति की। अब इसी तर्ज पर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (डीटीओ) की नयी पोस्ट बनाई है।