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 RSS Vijayadashami Rally : पहलगाम हमले ने बताया कौन है भारत का असली मित्र : मोहन भागवत

‘नेतृत्व का संकल्प और समाज की एकता ही है भारत की ताकत’
नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विजयादशमी उत्सव 2025 के दौरान पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत। (पीटीआई फोटो)
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RSS Vijayadashami Rally राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को नागपुर में विजयादशमी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने दुनिया के सामने भारत की असलियत भी रख दी और यह भी दिखा दिया कि कौन-सा देश वास्तव में भारत का मित्र है और किस स्तर तक। यह कार्यक्रम संघ के लिए ऐतिहासिक था क्योंकि इस साल संगठन अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष भी मना रहा है।

नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विजयादशमी उत्सव 2025 के दौरान स्वयंसेवक कौशल का प्रदर्शन करते हुए। (पीटीआई फोटो)

भागवत ने कहा कि आतंकवादियों ने सीमा पार कर पहलगाम में धर्म पूछकर 26 भारतीयों की नृशंस हत्या की थी। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया। उन्होंने बताया कि भारत ने इसका करारा जवाब दिया, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम से याद किया गया। उन्होंने कहा, ‘इस हमले से देश में गहरी पीड़ा और आक्रोश फैला। हमारी सरकार ने पूरी तैयारी से कार्रवाई की और इसका कठोर उत्तर दिया। इसके बाद नेतृत्व का संकल्प, सशस्त्र बलों का साहस और समाज की एकता स्पष्ट रूप से सामने आई।’

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संघ प्रमुख ने कहा कि हम सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहते हैं और आगे भी रखेंगे, लेकिन सुरक्षा से जुड़े मामलों में भारत को अधिक सतर्क और मजबूत होना होगा। उन्होंने कहा, ‘पहलगाम हमले के बाद विभिन्न देशों के रुख से यह साफ हो गया कि उनमें से कौन हमारे सच्चे मित्र हैं और उनकी मित्रता कितनी गहरी है।’

नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विजयादशमी उत्सव 2025 के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस। (पीटीआई फोटो)

भागवत ने कहा कि चरमपंथियों को सरकार की कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। वहीं, समाज ने भी उनके खोखलेपन को पहचान लिया और उनसे दूरी बना ली। उन्होंने कहा, ‘उन्हें नियंत्रित किया जाएगा। उस क्षेत्र में अब एक बड़ी बाधा दूर हो चुकी है।’

न्याय और विकास की जरूरत

भागवत ने माना कि अक्सर न्याय, विकास, संवेदनशीलता और मजबूती से जुड़ी योजनाओं की कमी चरमपंथी ताकतों के उभार का कारण बनती है। उन्होंने कहा कि जब व्यवस्था की सुस्ती लोगों को परेशान करती है, तब वे चरमपंथियों की ओर रुख कर लेते हैं। इसे रोकने के लिए सरकार और समाज दोनों को मिलकर ऐसे प्रयास करने चाहिए जिनसे लोगों का व्यवस्था में विश्वास बढ़े।

विजयादशमी रैली का संघ के लिए विशेष महत्व है क्योंकि 1925 में नागपुर में ही डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने दशहरे के दिन आरएसएस की स्थापना की थी। इस बार शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित रैली में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

 

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