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संघ ने कभी कटुता नहीं दिखाई : मोदी

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र निर्माण में आरएसएस की भूमिका को सराहा

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आरएसएस की स्थापना के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में स्मारक सिक्का जारी करते पीएम नरेंद्र मोदी और संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले। -प्रेट्र
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना की शताब्दी के अवसर पर बुधवार को उसकी प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रतिबंधों और साजिशों के बावजूद संगठन ने कभी कटुता नहीं दिखाई, क्योंकि यह ‘राष्ट्र प्रथम’ के सिद्धांत पर काम करता रहा।

आरएसएस के शताब्दी समारोह में भाग लेते हुए मोदी ने राष्ट्र निर्माण में संघ के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संघ जाति या पंथ के भेदभाव को दूर करके, सद्भाव को बढ़ावा देने और एक समावेशी समाज का संदेश फैलाने के लक्ष्य के साथ देश के कोने-कोने तक पहुंचा है। मोदी ने कहा, ‘संघ ने अंग्रेजों के अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। उसका एकमात्र हित हमेशा राष्ट्र के प्रति प्रेम रहा है।’ उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवकों ने स्वतंत्रता सेनानियों को शरण दी और इसके संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार भी स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई बार जेल

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गए थे।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि आरोप लगाकर और झूठे मामले दर्ज करके आरएसएस की भावना को कुचलने की कई कोशिशें की गईं। उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर लगे प्रतिबंध का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, ‘आरएसएस ने अपने खिलाफ झूठे मामले दर्ज होने, प्रतिबंधों और अन्य चुनौतियों के बावजूद कभी कटुता नहीं दिखाई, क्योंकि हम ऐसे समाज का हिस्सा हैं, जहां हम अच्छे और बुरे, दोनों को स्वीकार करते हैं।’

प्रधानमंत्री ने आरएसएस की स्थापना के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक विशेष डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का भी जारी किया। उन्होंने कहा, ‘स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार भारतीय मुद्रा पर भारत माता की छवि अंकित की गई है, जो अत्यंत गौरव और ऐतिहासिक महत्व का क्षण है।’

व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र साधना की

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