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मेरे जैसे लाखों लोगों को आरएसएस ने देश के लिए जीने की प्रेरणा दी : मोदी

नयी दिल्ली, 21 फरवरी (एजेंसी) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 100 वर्ष पहले जिस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का बीज बोया गया था, वह आज एक वट वृक्ष के रूप में भारत की महान संस्कृति को नई...
नयी दिल्ली में शुक्रवार को आयोजित 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद‍्घाटन मौके पर मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनसीपी-एसपी सुप्रीमो शरद पवार। -प्रेट्र

नयी दिल्ली, 21 फरवरी (एजेंसी)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 100 वर्ष पहले जिस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का बीज बोया गया था, वह आज एक वट वृक्ष के रूप में भारत की महान संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचा रहा है और यह उनका सौभाग्य है कि उनके जैसे लाखों लोगों को इस संगठन ने देश के लिए जीने की प्रेरणा दी है। राष्ट्रीय राजधानी स्थित विज्ञान भवन में आयोजित 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि मराठी भाषा अमृत से भी बढ़कर मीठी है और वह इस भाषा को बोलने का प्रयास और इसके नए शब्दों को सीखने की कोशिश निरंतर करते रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है जब छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे हुए हैं, जब अहिल्याबाई होल्कर की जयंती का 300वां वर्ष है और कुछ ही समय पहले बाबा साहेब आंबेडकर के प्रयासों से बने देश के संविधान ने भी अपने 75 वर्ष पूरे किए हैं। उन्होंने कहा, ‘आज हम इस बात पर भी गर्व करेंगे कि महाराष्ट्र की धरती पर मराठी भाषी एक महापुरुष ने 100 वर्ष पहले आरएसएस का बीज बोया था। आज ये एक वट वृक्ष के रूप में अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है।' डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने युवाओं के एक चुनिंदा समूह के साथ वर्ष 1925 में विजयादशमी के दिन आरएसएस की स्थापना की थी। हेडगेवार का जन्म नागपुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। इसका मुख्यालय नागपुर में ही है।