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सिखों पर बयान के बाद रार

राहुल नंबर वन आतंकवादी : बिट्टू
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नयी दिल्ली, 15 सितंबर (ट्रिन्यू)

केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने रविवार को कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को 'देश का नंबर वन आतंकवादी' बताकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। यह टिप्पणी उन्होंने अमेरिका में पिछले सप्ताह सिख समुदाय पर की गई उनकी टिप्पणी पर की। भागलपुर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए रेल राज्य मंत्री बिट्टू ने यह भी दावा किया कि राहुल भारतीय नहीं हैं।

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केंद्रीय मंत्री ने ये टिप्पणियां कांग्रेस नेता की पिछले सप्ताह अमेरिका में की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कीं। राहुल ने वर्जीनिया में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था, 'लड़ाई (भारत में) इस बात को लेकर है कि क्या सिखों को पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी... क्या सिखों को कड़ा पहनने या गुरुद्वारा जाने की अनुमति दी जाएगी। लड़ाई इसी बात को लेकर है, और यह केवल सिखों के लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है।'

कांग्रेस के पूर्व सांसद बिट्टू ने कहा, 'पहले उन्होंने (कांग्रेस ने) मुसलमानों का इस्तेमाल करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब वे सिखों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। आतंकवादियों ने भी राहुल गांधी की टिप्पणियों की सराहना की है। जब ऐसे लोग राहुल गांधी का समर्थन कर रहे हैं, तो वह देश के नंबर एक आतंकवादी हैं।' बिट्टू इस साल की शुरुआत में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। बिट्टू ने कहा, 'मेरी राय में, राहुल गांधी भारतीय नहीं हैं। उन्होंने अपना अधिकांश समय देश से बाहर बिताया है। उनके दोस्त और परिवार वहीं हैं।’

यह असंवैधानिक टिप्पणी : बाजवा

कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की टिप्पणी की कड़ी निंदा की। पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने टिप्पणी को अपमानजनक और असंवैधानिक बताया। कांग्रेस नेता बाजवा ने बिट्टू की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि 'इस तरह का बयान न केवल एक साथी सांसद के प्रति पूर्ण अनादर को दर्शाता है, बल्कि भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों के प्रति बिट्टू की खतरनाक अज्ञानता को भी उजागर करता है। यह बेहद चिंताजनक है कि एक मंत्री, जो करदाताओं द्वारा वित्तपोषित वेतन प्राप्त करता है, संवैधानिक मूल्यों को समझने में विफल रहता है, जिसकी रक्षा करने की शपथ उसने ली है। उसकी अपमानजनक टिप्पणी न केवल शिक्षा और संसदीय सिद्धांतों की समझ की गहन कमी को दर्शाती है, बल्कि जिम्मेदार सार्वजनिक आचरण के प्रति एक भयावह उपेक्षा भी दर्शाती है।’

रवनीत बिट्टू पर और हमला करते हुए, बाजवा ने एक बयान में कहा कि भाजपा नेता पूरी तरह से अपनी तर्कशक्ति खो चुके हैं, और शायद उनके लिए पेशेवर मनोचिकित्सक की सहायता लेना समझदारी होगी। जनता का विश्वास जीतने में उनकी असमर्थता लंबे समय से स्पष्ट है, फिर भी वह मंत्री का वेतन लेना जारी रखते हैं। शायद उस धन का बेहतर उपयोग उस गहरी मानसिक पीड़ा को दूर करने में किया जा सकता है।

प्रताप सिंह बाजवा ने केंद्र से संसदीय नैतिकता के बिट्टू के घोर उल्लंघन पर ध्यान देने का भी आग्रह किया।

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