Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

दिल्ली में हुमायूं मकबरा कैंपस में गिरी छत, 5 की मौत; नमाज के लिए दरगाह पर आए थे लोग

यह घटना 16वीं शताब्दी के स्मारक के मुख्य गुंबद से संबंधित नहीं थी
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में हुमायूं के मकबरे के निकट एक दरगाह की दीवार गिरने से शुक्रवार शाम 5 लोगों की मौत हो गई। वहीं 4 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि कुल 9 घायलों को एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। एक को एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया।

संयुक्त पुलिस आयुक्त संजय कुमार जैन ने बताया कि अब तक हमें पता चला है कि एम्स ट्रॉमा सेंटर में इलाज करा रहे 5 लोगों की मौत हो गई है। अन्य का अभी भी इलाज जारी है। हमने इलाके की घेराबंदी कर दी है। लोग शुक्रवार की नमाज के लिए दरगाह पर आए थे। जब यह घटना घटी तब बारिश के कारण वे कमरे के अंदर बैठे थे। पुलिस ने बताया कि बचाव अभियान पूरा हो गया है।

Advertisement

इसने बताया कि घटना के संबंध में अपराह्न 3.55 बजे सूचना मिलने के बाद कुल 10 से 12 पीड़ितों को मलबे से निकाला गया। घटना के बाद दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस), दिल्ली पुलिस, एनडीआरएफ और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) समेत कई बचाव एजेंसियों को सेवा में लगाया गया। थाना प्रभारी (एसएचओ) और स्थानीय कर्मचारी 5 मिनट के भीतर वहां पहुंच गए।

बचाव कार्य शुरू कर दिया। कुछ देर बाद, दमकल कर्मी और कैट्स एम्बुलेंस भी मौके पर पहुंच गईं। एनडीआरएफ भी बचाव कार्य में शामिल हुआ। डीएफएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुरू में कहा था कि मकबरे के गुंबद के एक हिस्से के ढहने के बारे में एक सूचना प्राप्त हुई थी, जिसके बाद 5 दमकल गाड़ियों को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया।

यह घटना 16वीं शताब्दी के स्मारक के मुख्य गुंबद से संबंधित नहीं थी, बल्कि इसके परिसर के भीतर एक छोटे कमरे से संबंधित थी। एक प्रत्यक्षदर्शी विशाल कुमार ने बताया कि मैं हुमायूं मकबरे पर काम करता हूं। जब हमने शोर सुना, तो मेरा सुपरवाइजर दौड़कर आया। हमने लोगों और प्रशासन को बुलाया। धीरे-धीरे हमने फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला।

वहां कम से कम 10 से 12 लोग थे। इमाम भी वहां थे और वे भी घायलों में शामिल हैं। मैंने कम से कम 8 से 9 लोगों को बचाया है। एक महिला प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि मैं बाहर खड़ी थी और कमरे में प्रवेश करने ही वाली थी कि उससे बस दो कदम की दूरी पर थी। जैसे ही बारिश शुरू हुई, सभी लोग शरण लेने के लिए अंदर चले गए। उन्होंने बताया कि तभी दीवार ढह गई।

Advertisement
×