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RIP Pilot Siddharth : गुजरात में लड़ाकू जगुआर क्रैश, रेवाड़ी का पायलेट सिद्धार्थ यादव हुआ शहीद

इकलौते बेटे की मौत से परिवार में मातम, 10 दिन पहले हुई थी सगाई, 31 मार्च को लौटा था ड्यूटी पर
पायलेट सिद्धार्थ यादव का फाइल फोटो
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तरुण जैन/न्यूज रेवाड़ी, 3 अप्रैल (हप्र)

RIP Pilot Siddharth : बुधवार की रात को गुजरात के जाम नगर के पास भारतीय वायुसेना के कैश हुए लड़ाकू विमान में सवार रेवाड़ी के होनहार पायलेट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए। उनकी मौत की खबर जैसे ही रेवाड़ी पहुंची तो परिवार, रिश्तेदारों व मित्रों में शोक की लहर दौड़ गई। इकलौते बेटे की मौत से पूरा परिवार भारी सदमे में है। सिद्धार्थ की 10 दिन पूर्व ही सगाई हुई थी और 31 मार्च को रेवाड़ी से ड्यूटी पर लौटे थे।

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समाचारों के अनुसार 28 वर्षीय सिद्धार्थ यादव का परिवार रेवाड़ी के सेक्टर-18 में रहता है। सिद्धार्थ छुट्टी लेकर रेवाड़ी आये हुए थे। इस दौरान उनकी सगाई हुई थी। वह अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। सगाई के बाद पूरा परिवार इकलौते बेटे के विवाह की तैयारियों में जुट गया था। विवाह की तिथि 2 नवम्बर तय की गई थी।

विवाह को लेकर पूरे परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ था। सगाई होने के बाद सिद्धार्थ 31 मार्च को ड्यूटी पर लौट गए थे। वह वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात थे और छुट्टी पूरी होने पर जामनगर एयरफोर्स स्टेशन पहुंचे थे। बुधवार की रात को पायलेट सिद्धार्थ यादव जगुआर विमान को लेकर निकले थे। इस विमान में उनके साथी मनोज कुमार सिंह भी सवार थे। उड़ान भरने के बाद जगुआर में कुछ तकनीकी खामी आने पर उसे लैंड करने के बेहद प्रयास किये गए।

संभवत: सिद्धार्थ को लगने लगा कि विमान क्रैश होने की स्थिति में आ गया है। उन्होंने भारी खतरे को भांपते हुए और अपनी जान की परवाह न करते हुए विमान को घनी आबादी में गिरने से बचाने के लिए रिक्त स्थान देखने लगे। जाम नगर शहर से 10-12 किलोमीटर दूर एक गांव के खाली मैदान में उन्होंने जैसे ही विमान को उतारा तो वह क्रैश हो गया और उसमें आग लग गई। इस बड़े हादसे में सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए। विमान क्रैश होते ही गांव के लोग मदद को दौड़े और उन्होंने बड़ी मेहनत से घायल साथी मनोज कुमार सिंह को अस्पताल भिजवाया।

यह दुखद समाचार जब रेवाड़ी पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया और विवाह की चल रही तैयारियों को लेकर बुने गए सपने चकनाचूर हो गए। पिता व परदादा भी रहे एयरफोर्स में: दिवगंत सिद्धार्थ के मामा के लडक़े सचिन यादव बताते है कि सिद्धार्थ ने 2016 में एनडीए की परीक्षा पास कर 3 साल की ट्रैनिंग की थी। तत्पश्चात वे फाइटर पायलेट की भूमिका में आ गए थे। 2 साल बाद उन्हें पदोन्नति मिली और वे फ्लाइट लेफ्टिनेंट बन गए। सचिन बताते हैं कि सिद्धार्थ के पिता सुशील यादव व परदादा भी वायुसेना में कार्यरत रहे थे।

दादा अर्धसैनिक बल से सेवानिवृत हुए थे। यह यादव परिवार मूल रूप से रेवाड़ी के गांव भालखी माजरा का रहने वाला है। 23 मार्च को सिद्धार्थ की सगाई हुई थी और विवाह की तिथि 2 नवम्बर तय कर ली गई थी। इकलौते बेटे सिद्धार्थ की एक छोटी बहन है। इस दुखद हादसे से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। सांत्वना देने के लिए लोग लगातार घर पर आ रहे हैं। उम्मीद है कि शुक्रवार की सुबह सिद्धार्थ का पार्थिव शरीर उनके रेवाड़ी स्थित सेक्टर-18 निवास पर लाया जाएगा। यहां से उनके पैतृक गांव भालखी माजरा ले जाया जाएगा। गांव में ही उनका अंतिम संस्कार होगा।

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