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RIP OP Chautala : चौटाला गांव को दिलाई विश्व स्तर पर पहचान, राजनीति में अलग पहचान रखते थे ओपी चौटाला

RIP OP Chautala : चौटाला गांव को दिलाई विश्व स्तर पर पहचान, राजनीति में अलग पहचान रखते थे ओपी चौटाला
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सिरसा, 20 दिसंबर (हप्र/आनंद भार्गव)

RIP OP Chautala: हरियाणा की राजनीति में अपना अलग स्थान रखते वाले ओम प्रकाश चौटाला का शुक्रवार को देहावसान हो गया। करीब 89 वर्षीय चौटाला कुशल राजनीतिज्ञ के साथ साथ कई भाषाओं के जानकार थे। हिंदी के अलावा उर्दू, पंजाबी पर उनकी खास पकड़ थी। उनके भाषणों में जीवंतता झलकती थी। उनके भाषण को सुनने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती थी।

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विशेष बात यह भी थी कि चौटाला साहब की याद्दाश्त भी गजब की थी, अक्सर वे जनसभाओं में पीछे खड़े पार्टी कार्यकर्ता को नाम लेकर आगे बुला लेते थे। सीबीआई केस में सजा मिलने के बाद और बुजुर्ग अवस्था होने के बावजूद उनके उत्साह में कहीं कमी नहीं आई। परिवार की टूटन ने उन्हें झंकझोर कर रख दिया परंतु आखिरी दम तक वे इनेलो से गद्दारी करने वालों को ‘अपनों’ को उन्होंने दोबारा नहीं अपनाया।

चौ. देवीलाल के चार बेटों में सबसे बड़े थे ओम प्रकाश चौटाला

पूर्व उपप्रधानमंत्री चौ. देवीलाल के चार पुत्रों में चौ. ओम प्रकाश चौटाला सबसे बड़े थे। उनके दो बेटे अजय सिंह व अभय सिंह हैं और उनके पोतों में दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय सिंह चौटाला, कर्ण चौटाला व अर्जुन चौटाला है। चौटाला पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। तेजाखेड़ा फार्म हाऊस के अलावा चौटाला अक्सर बरनाला रोड स्थित चौटाला हाऊस में प्रवास करते और जन समस्याएं सुनते। सिरसा में विपक्षी नेताओं खासकर लक्ष्मण दास अरोड़ा इत्यादि से भी उनके अच्छे संबंध थे। सिरसा के पूर्व विधायक गोपाल कांडा ने भी राजनैतिक जीवन की शुरूआत चौटाला परिवार से मिलकर ही की।

‘सरकार आपके द्वार ’ कार्यक्रम चौटाला की देन

हरियाणा में मुख्यमंत्री रहते चौ. ओम प्रकाश चौटाला ने अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिये। इनेलो शासन में उन्होंने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलाकर प्रदेश के गांव गांव में कार्यक्रम किए जिनमें सरकारी अधिकारी लोगों की समस्याएं सुनने के लिए गांवों में पहुंचे थे।

‘चौटाला’ को विश्व स्तर पर पहचान दिलवाने में भी चौटाला का अहम योगदान रहा

सिरसा जिले के डबवाली उपमंडल के छोटे से गांव ‘चौटाला’ को विश्व स्तर पर पहचान दिलवाने में भी चौटाला का अहम योगदान रहा। उन्होंने अपने नाम के आगे अपना गौत्र ‘सिहाग’ न लिखकर अपने गांव का नाम ‘चौटाला’ लिखा। उसी परिपाटी पर उनके बेटे व पोते चल रहे हैं। इनेलो सरकार में रहते हुए चौटाला ने अपने पैतृक गांव में राष्टÑीय स्तर की खेल प्रतियोगिता करवाई, जिसमें आने वाले खिलाड़ियों को होटल में न रूकवाकर ग्रामीणों के घरों में ही ठहराया गया और उनकी खूब आवभक्त हुई। सभी प्रतिभागियों को शुद्ध देसी घी दिया गया था।

87 साल की उम्र में पास की 12वीं की परीक्षा

इनेलो सुप्रीमो ने वर्ष 2019 में 10वीं की परीक्षा दी थी। इस परीक्षा में वे किन्हीं कारणों से अंग्रेजी का पेपर नहीं दे पाए थे। अंग्रेजी विषय का परिणाम न आने के चलते हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने उनका 12वीं का परिणाम भी रोक लिया था। इसके बाद अगस्त 2021 में चौटाला ने सिरसा में स्थित आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 10वीं का अंग्रेजी का पेपर दिया था जिसमें उन्होंने 88 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। हाथ पर चोट लगी होने के कारण उनके साथ परीक्षा देने के लिए सहयोगी के रूप में एक छात्रा मिली, जो चौटाला द्वारा बताए गए उत्तर लिखती रही। पूर्व मुख्यमंत्री ने 87 साल की उम्र में 10वीं और 12वीं प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की है।

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